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इस रिपोर्ट के मुताबिक़, 'भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को संभालने के लिए ज़िला-स्तर पर योजनाएं बनाने और उन्हें लागू किये जाने की ज़रूरत है. इसके साथ ही जो इलाक़े सबसे अधिक प्रभावित हैं उन पर विशेष तौर से ध्यान दिए जाने और रणनीति बनाकर काम करने की ज़रुरत है. रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि सबसे ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में फिर से लॉकडाउन या अन्य प्रतिबंध लागू करने की ज़रुरत है. इस रिपोर्ट में भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर देश के सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाक़ों की पहचान की गई है. ये रिपोर्ट संक्रमण के मामले, आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा हालात को आधार बनाकर तैयार की गई है.
भारत के नौ राज्यों में बुरी तरह फैला संक्रमण
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इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के नौ राज्य- मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात सबसे बुरी तरह संक्रमण से प्रभावित हैं. भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अब तक सबसे कम मामले सामने आए हैं. लैंसेट की यह रिपोर्ट सामाजिक-आर्थिक, जनसांख्यिकीय, आवास-स्वच्छता, महामारी विज्ञान और स्वास्थ्य प्रणाली जैसे पहलुओं को ध्यान में रखकर बनायी गयी है. लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ध्यान नहीं दिया गया तो इन 9 राज्यों में स्थिति और ख़राब हो सकती है. मध्य प्रदेश में जहां 'ओवरऑल वल्नरेबिलिटी' (संक्रमण फैलने के खतरे की दर) 1 है वहीं बिहार में 0.971 तेलंगाना तीसरे स्थान पर है, झारखंड चौथे पर और उत्तर प्रदेश पांचवे स्थान पर है.
अरुणाचल का कुरुंग कुमे ज़िला सबसे सुरक्षित
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का अरुणाचल प्रदेश राज्य और वहां का कुरुंग कुमे ज़िला सबसे कम ख़तरे वाला स्थान है. इसके बाद हरियाणा का पंचकुला ज़िला है, जहां संक्रमण का ख़तरा कम है. संक्रमण फैलने सबसे ज्यादा खतरा मध्य प्रदेश का सतना और बिहार का खगड़िया जिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश है, ऐसे में यहां कोरोना वायरस के प्रसार और ख़तरे से इनक़ार नहीं किया जा सकता है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़, देश में कोरोना वायरस के लगभग अस्सी फ़ीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें लक्षण नज़र नहीं आए. ऐसे में भारत में बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा ख़तरा है.
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