दिलेर समाचार, नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को आरक्षण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण नीति में न बदलाव करेगी न ही किसी को ऐसा करने देगी. गौरतलब है कि मौजूदा समय में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को शिक्षा और नौकरियों में विशेष रूप से आरक्षण दिया जाता है. अमित शाह अपने ओडिशा दौरे के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि संविधान में बी आर अंबेडकर द्वारा तय आरक्षण की नीति को कोई बदलने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता है. इस दौरान उन्होंने दो अप्रैल को विभिन्न दलित संगठनों द्वारा बुलाए भारत बंद के दौरान हुई हिंसा और लोगों की मौत के लिए कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया. शाह ने कहा कि बंद का आह्वान क्यों किया गया जब प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. शाह ने कहा कि बंद के दौरान हुई दस लोगों की मौत के लिए कांग्रेस सबसे ज्यादा जिम्मेदार है.
उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में भाजपा के आरक्षण वापस लेने संबंधी‘भ्रामक प्रचार अभियान’ चलाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि भाजपा आरक्षण वापस नहीं लेने जा रही और न ही वह किसी को ऐसा करने की इजाजत देगी.
शाह ने कहा कि भारत के संविधान में हमारा पूर्ण विश्वास है और मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि संविधान में तय आरक्षण नीति में कोई भी बदलाव नहीं होगा. कोई इसे बदलने की हिम्मत नहीं कर सकता
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