दिलेर समाचार,नई दिल्ली। रामभक्त हनुमानजी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक हैं और देशभर में हर आम के आराध्य हैं। हनुमानजी की जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा को पड़ती है और इस दिन उनकी विशेष पूजा होती है, मेले लगते हैं, भक्ति संगीत के कार्यक्रम होते हैं। लेकिन एक ऐसा भी गांव हैं जहां के लोग युगों से उनसे नाराज चले आ रहे हैं। न तो वे शक्ति के प्रतीक इन देव को मानते हैं और न ही उनकी पूजा करते हैं। यह गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में है। द्रोणगिरि पर्वत पर बसे होने की वजह से इसे ‘द्रोणगिरि गांव’ के नाम से जाना जाता है।
इस गांव के लोगों का हनुमानजी पर ‘आरोप’ है कि वह उनके यहां से संजीवनी बूटी के लिए द्रोणागिरि पर्वत का एक हिस्सा उठा ले गए थे। यहां के लोगों की हनुमानजी से नाराजगी की एकमात्र वजह यही है।
गांववालों का ‘आरोप’ है कि वह (हनुमानजी) उनकी संजीवनी बूटी चुरा ले गए थे। गांववालों के मुताबिक, मेघनाद से युद्ध में मूर्छित हुए लक्ष्मण के लिए हनुमानजी जिस वक्त संजीवनी बूटी लेने आए थे, उस दौरान उनके पहाड़ देवता ध्यानावस्था में थे। हनुमानजी ने बूटी लेने के लिए उनकी अनुमति नहीं ली और बिना अनुमति पहाड़ का हिस्सा उखाड़ लेने से उनकी साधना भंग हो गई।
ये भी पढ़े: यूपी में भरी पंचायत में एक भाई ने बहन के प्रेमी की गर्दन काट दी।
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar