दिलेर समाचार, नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने भाजपा शासित नगर निगमों (MCD) में 2400 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं पर चर्चा के लिए विधानसभा का एकदिवसीय सत्र बुलाया है. दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र की शुरुआत केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) पर चर्चा के साथ हुई. जबकि कृषि कानूनों को लेकर राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत सदन में चर्चा शुरू की. इस बीच सदन में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जय जवान, जय किसान का नारा लगाया. हालांकि कृषि कानूनों को लेकर सदन में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक महेंद्र गोयल (AAP MLA Mahendra Goyal) ने तीनों कृषि कानूनों की प्रति फाड़ते हुए कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं. मैं इन काले कानूनों को स्वीकार करने से इनकार करता हूं.
आपको बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर आम आदमी पार्टी किसानों के समर्थन में है और वह हर तरीके से समर्थन कर रही है. यही नहीं, मुख्यमंत्री केजरीवाल समेत सभी मंत्री और नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. जबकि एक दिन सीएम समेत पार्टी के अधिकांश नेताओं ने उपवास रखा था.
2022 में होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले भाजपा शासित दिल्ली के नगर निगमों में कोष की कथित धोखाधड़ी को लेकर सत्तारूढ़ आप के नेताओं ने हमले तेज कर दिए हैं. जबकि भाजपा ने आरोपों से इंकार किया है और कहा कि किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. दरअसल, नगर निगम कर्मचारियों और डॉक्टरों के लंबित वेतन के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और बीजेपी शासित दिल्ली के तीनों नगर निगम आमने-सामने हैं. हाल ही में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 13500 करोड़ रुपये के बकाए को लेकर एमसीडी को पत्र लिखा था. जबकि इसके बाद तीनों मेयर जयप्रकाश (उत्तरी दिल्ली), अनामिका (दक्षिणी दिल्ली) और निर्मल जैन (पूर्वी दिल्ली) की तरफ से कहा गया है कि एक ओर जल बोर्ड केंद्र सरकार से बकाए की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर निगम ने दिल्ली सरकार के सारे काम मुफ़्त में किए हैं. साथ ही कहा कि जबसे हमने 13500 करोड़ का मुद्दा उठाया है, तब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया बौखला गए हैं.
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