दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दुनिया में जिस रफ्तार से मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं, वैसी स्थिति भारत में नहीं आई है लेकिन इसके चार मामले आने के बाद चिंता बढ़ गई है. इसलिए मंकीपॉक्स की वैक्सीन को लेकर लोगों में जिज्ञासाएं बढ़ गई हैं. इन सब के बीच वैक्सीन किंग कहलाने वाले अदार पूनावाला का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि आपात स्थिति में मंकीपॉक्स से बचने के लिए स्मॉलपॉक्स या चेचक के टीके को लगाया जा सकता है. इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अपना पैसा लगाकर डेनमार्क की एक कंपनी से स्मॉलपॉक्स वैक्सीन के लाखों डोज को खरीद रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर देश में बड़े पैमाने पर मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते हैं तो आपात स्थिति में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ ही महीने में डेनमार्क की बावेरियन नॉर्डिक कंपनी से वैक्सीन की पहली खेप हमारे पास आ जाएगी.
अदार पूनावाला ने कहा, मंकीपॉक्स के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एक मैसेंजर RNA (mRNA) वैक्सीन विकसित कर रहा है. इस वैक्सीन के निर्माण में नोवावैक्स ग्लोबल पार्टनर है. हालांकि इसमें एक साल से ज्यादा का वक्त लग सकता है. पूनावाला ने कहा, डेनमार्क के कंपनी बावेरियन नॉर्डिक से स्मालपॉक्स की वैक्सीन तीन माह में भारत में आ सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट के पास लाइसेंस के तहत थौक में स्मालपॉक्स के वैक्सीन बनाने की क्षमता है. उन्होंने कहा, हालांकि हम इस पर बात कर रहे हैं लेकिन अंततः इसका निर्णय भारत सरकार को विशेषज्ञों के साथ बातचीत के बाद लेना होगा. उन्होंने कहा कि अन्य देशों की तरह हमारे पास भी स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन बहुत कम है. इसलिए हम इसका आयात करने के लिए अपने तरफ से पैसा लगा रहे हैं. धीरे-धीरे सरकार को हेल्थ पॉलिसी पर निर्णय लेना है.
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