दिलेर समाचार, आप गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि एक डॉक्टर जो बीच ऑपरेशन में झगड़ा कर रहा है दरअसल वो अपने मरीज को इंसान मानने को तैयार ही नहीं दिख रहा है. ऐसा लगता है कि वो गुस्से में तमतमाते हुए किसी मरीज पर नहीं किसी मशीन पर चाकू-छूरे चला रहा हो.वो डॉक्टर दिखता ही नहीं है. इतना गैर-संवेदनशील इंसान डॉक्टर हो भी कैसे सकता है. ऐसा लगता है कि मानों कोई दर्जी अपनी सिलाई कढ़ाई छोड़कर झगड़े में लग गया हो. या फिर कोई मुर्गा-बकरा काटने वाला कसाई अपने काम-धंधे को बीच में छोड़कर एक दूसरे कसाई से निपटने में लग गया हो. डॉक्टरों की संवेदनहीनता की ये तस्वीरें किसी भी इंसान को हिला कर रख दे.अब पूरी कहानी भी सुन लीजिए. दरअसल राजस्थान में जोधपुर के रातानाडा की रहने वाली अनीता मंगलवार सुबह डिलीवरी के लिए यहां के उम्मेद हॉस्पिटल में आई थी. सबसे पहले अनीता को लेबर रूम ले जाया गया. जहां डॉ. इंद्रा भाटी ने अनीता का चेकअप किया तो पेट में नवजात बच्चे की धड़कन धीमी पाई.इसके तुरंत बाद ही अनीता को सिजेरियन डिलिवरी के लिए ऑपरेशन थिएटर में भेजा गया. ऑपरेशन थिएटर में टेबल के दूसरी तरफ गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अशोक नैनीवाल एक दूसरी महिला का ऑपरेशन कर रहे थे.यहां एनेस्थिसिस्ट और ओटी इंचार्ज डॉ. एमएल टाक बच्चे की धड़कन चेक करने के लिए दूसरे डॉक्टर से कह रहे थे. इसी बीच डॉ. अशोक भड़क गए और डॉ. टाक पर चिल्लाने लगे.
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