दिलेर समाचार, पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जब भी पार्टी की कोई बैठक बुलाते हैं तब वहां उनकी भूमिका अब एक शिक्षक की और बाकी नेताओं की छात्र वाली होती है. उनके भाषण में भी नसीहत ज़्यादा होती है. रविवार को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें नीतीश ने आने वाले दिनों के लिए एक नहीं कई नसीहत दी.
सबसे पहले एक शराब माफ़िया के पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष बन जाने के मामले की तरफ ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि सदस्य बनाने के पहले पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए. नीतीश ने साफ़ कहा कि भविष्य में ऐसा सुनिश्चित करना चाहिए कि दागियों को पार्टी में कोई पद न मिल पाए या वो निर्वाचित ना हो पाएं. कुछ हफ़्ते पहले एक दहेज विरोधी परिवार के साथ भोजपुर जिले का एक प्रखंड अध्यक्ष भी नीतीश कुमार से मिलने आया जो एक ज़हरीली शरबकांड का आरोपी है.
इसके अलावा नीतीश ने पार्टी के वैसे नेता जो साधन संपन्न लोगों की सदस्यता को लेकर आतुर रहते हैं, वैसे लोगों से भी सावधान रहने की नसीहत दी. शायद नीतीश को इस बात का अंदाज़ा है कि जो लोग साधन संपन्न होते हैं उनके मामले में कोई उनकी कमाई का स्रोत जानने की कोशिश नहीं करता.
नीतीश ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों और 40 लोकसभा सीटों को लेकर चुनाव की तैयारी करने के पीछे का तर्क भी समझाया. उन्होंने कहा कि आख़िर सब जगह संगठन होगा तभी अपने सहयोगियों को भी आप मदद कर सकते हैं. बाद में राज्य इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दावा किया कि पार्टी लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार है.
अंत में नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं को सलाह दी कि टीवी पर बाइट देने के पहले वो कम से कम ढंग से आएं. फ़िलहाल कभी कोई प्रवक्ता शर्ट पहन कर तो कोई उन्हें ट्रैक सूट में टीवी पर बयान देता दिखता है.
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