दिलेर समाचार, विभीषिका ने राज्य के लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. बाढ़ का पानी तो कम होना शुरू हो गया है लेकिन उसके बाद की स्थिति को लेकर लोगों के बीच भय का माहौल बनता जा रहा है. बाढ़ और भूस्खलन के कारण आठ अगस्त के बाद से अभी तक राज्य में 370 लोगों की मौत हो गई है. बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही राज्य में कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बाढ़ के बाद के हालात से निपटने के लिए डॉक्टरों की टीम बनाए जाने की बात कही है और इस बात का भरोसा भी दिलाया है कि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से सक्षम है. राज्य में फिलहाल राहत शिविरों में 13 लाख लोग रह रहे हैं. उन लोगों के सामने अनिश्चय की स्थिति है और उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है.
बाढ़ के बाद की स्थिति निश्चय रूप से भयावह है. बाढ़ में अपना सबकुछ गंवाने के बाद अपनी आंखों में आंसू लिए एक बुजुर्ग महिला ने संवाददाताओं से कहा कि, “सबकुछ खत्म हो गया है. हम बर्बाद हो गए हैं.” राज्य में कई घर अब भी जलमग्न हैं और जो नहीं हैं उनमें कुछ न कुछ टूटा-फूटा और बिखरा हुआ पड़ा है. पंडालम के एक राहत शिविर में रह रही सबिता ने कहा कि घर के रूप में उसके पास एक छोटी सी झोपड़ी थी और बारिश के पानी में वह भी बर्बाद हो गयी. उन्होंने कहा, “मैं अपने बेटे के साथ सोई थी, उसी दौरान कीचड़ भरा पानी मेरे घर में घुस आया. मैं अपने बच्चे को लेकर जल्दी से वहां से निकली.” चेल्लमा (75) ओणम की तैयारी में लगी थी और उसी समय यह विभीषिका आ गयी. उन्होंने कहा, “मैंने ओणम के लिए चावल, नारियल और कुछ और चीजें खरीद ली थीं. कुछ भी नहीं बचा.” इस बीच बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य के लिए कई राज्यों से मदद पहुंच रही है. कई संगठन आर्थिक रूप से और लोगों के खाने-पीने, दवा और कपड़े से मदद कर रहे हैं. कई दूसरे देशों से मदद की पेशकश की गई है. भारत सरकार ने केरल में बाढ़ पीड़ितों को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत विदेशों से मिलने वाली मदद को लेने से इनकार कर दिया है. इस मामले में पहली बार भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से किसी भी तरह की विदेशी मदद लेने से इनकार किया है. सरकार ने पहले से ही चली आ रही उस नीति पर चलने का फ़ैसला किया है जिसके तहत आपदा के वक्त विदेशी सरकार से मदद नहीं ली जाएगी. भारत सरकार ने इसके लिए मदद की पेशकश करने वाले सभी देशों का आभार व्यक्त किया. हालांकि भारत द्वारा विदेशी सहायता स्वीकार करने से मना कर देने पर राज्य के राजनीतिक दलों के नेता नाखुश हैं और उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. प्रदेश में सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र के रुख पर नाराजगी जाहिर की है. पूर्व रक्षामंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि विदेशी दान स्वीकार करने के लिए नियमों में परिवर्तन किया जाना चाहिए. प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका में मरने वालों की संख्या करीब 370 हो चुकी है और 3,000 से अधिक राहत शिविरों में 13 लाख से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं.
उधर देश के दूसरे राज्यों में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 16 राज्यों के कुछ इलाकों में गुरुवार और शुक्रवार को तेज बारिश की चेतावनी जारी की है. विभाग द्वारा 26 अगस्त तक के लिये जारी बारिश संबंधी पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में गुरुवार को तेज बारिश की आशंका व्यक्त की गयी है. विभाग ने शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम के कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है. इस दिन उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, असम और मेघालय के कुछ इलाकों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की गयी है
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