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इन कारणों से भी सजा सुनाने के बाद जज तोड़ देता है पेन की निब

Posted at: Aug 30 , 2017 by Dilersamachar 9696

दिलेर समाचार, फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा की जज किसी व्यक्ति को मौत को सज़ा सुनाने के बाद जज अपने पेन की निब को तोड़ देता है। 
लेकिन क्या आप इसके पिछे का कारण जानते हैं?

हमारे भारत देश में फाँसी की सज़ा के बहुत ही कम केस होते हैं। 

भारत देश में 10 साल में 1,303 को सजा-ए-मौत, फांसी महज 3 को दी गयी है।

यह प्रथा आज से नहीं बल्कि ब्रिटिश हुकूमत के समय से चलती आ रही है। 

अब आप सोच रहे होंगे, किसी की मौत से पेन की निब का क्या सम्बन्ध है।

दरअसल, जज पेन की निभ को इसलिए तोड़ता है, क्योंकि जिस कलम से 1आदमी की ज़िन्दगी का फैसला हो गया हो किसी और की ज़िन्दगी का फैसला उससे न किया जाये।

पेन की निब को तोड़ते समय यह उम्मीद की जाती है की जिस तरह के अपराध के लिए आदमी को सजा दी जा रही है उस तरह का अपराध फिर से न हो यह उमीद करते हुए जज अपने पेन की निब को तोड़ देता है।

मौत की सज़ा सुनाने के अंत में डैथ (Death) शब्द को लिखा जाता है और इसी के साथ पेन की निब को भी तोड़ दिया जाता है। 

डेथ शब्द लिखने से आदमी की मौत के साथ पेन की मौत हो जाती है। 

एक बार फैसला लिख देने और कलम को तोड़ देने के बाद जज को खुद को भी अधिकार नहीं होता की वो अपने फसले को बदल सके।

वही यह भी माना जाता है की किसी की  मौत लेने के कारण अपने आपको प्रायश्चित कराने के लिए पेन की निब को तोड़ा जाता है।

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