दिलेर समाचार, लखनऊ: कासगंज हिंसा में घायल अकरम ने कहा है कि उसने सबको माफ कर दिया है. हिंसा में घायल होने के चार दिन बाद मीडिया से बात करते हुए अकरम ने कहा कि 26 जनवरी को वो अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी के लिए कासगंज होते हुए अलीगढ़ जा रहा था लेकिन कासगंज पहुंचते ही 100 से 150 लोगों ने उसे घेर कर हमला बोल दिया. हालांकि भीड़ में से ही कुछ लोगों ने अकरम को बचाया और आगे जाने का रास्ता दिया.
हिंसा में 35 साल के अकरम की आंख में गंभीर चोट लगी है और अब भी उसका इलाज जारी है. हादसे के अगले दिन अकरम की पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया.
वहीं कासगंज में हालात अब नियंत्रण में हैं. पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 7 एफआईआर दर्ज किए हैं. अब तक 114 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें 33 का नाम एफआईआर में है. इसके अलावा 81 लोगों को एहतियातन गिरफ़्तार किया गया है. इधर, पीस कमेटी की बैठक भी हुई जिसमें दोनों पक्षों के लोग शामिल हुए. पुलिस की गश्त भी जारी है.
इस मामले में केंद्र ने कासगंज में हुयी सांप्रदायिक हिंसा पर उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट देने को कहा. कासगंज में सांप्रदायिक घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और दो अन्य लोग घायल हो गए थे. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार को शुरू हुयी हिंसा तथा उसके बाद इलाके में शांति के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार से यह भी कहा गया है कि हिंसा में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा भी मुहैया कराए
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