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शक है कि धमकियों के तार महंत मोहन दास के लापता होने से तो नहीं जुड़े हैं. लापता होने की शिकायत पुलिस में कर दी गई है. महंत के लापता होने का तब पता चला जब भोपाल स्टेशन पर कल रात आठ बजे उनका एक शिष्य खाना लेकर पहुंचा. ट्रेन से महंत के गायब होने की सूचना अखाड़े को उसी ने दी, जिसके बाद संतों में हड़कंप मच गया.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि उन्होंने फ़र्ज़ी संतों की लिस्ट जारी की थी, जिसके बाद से उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गयी थी. इस अखाड़े से बाबा रामदेव भी जुड़े हैं. उन्होंने अखाड़ों ओर संतों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
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महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि मोहनदास 15 सितम्बर की रात को लोकमान्य तिलक ट्रेन से हरिद्वार से मुम्बई के लिए निकले थे, लेकिन जब उन्हें खाना देने शिष्य भोपाल स्टेशन पर कल रात पहुंचा तो वे अपने डब्बे में नहीं थे. जिसके बाद यहां अखाड़े को सूचना दी गई.
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