दिलेर समाचार, दिवंगत एक्टर अमजद खान (Amjaz Khan) के बेटे और अभिनेता शादाब खान ने एक सवाल का जवाब दिया कि क्या उन्हें अपने पिता का लकी चार्म कहा जा सकता है. शादाब का जन्म उसी दिन हुआ था जिस दिन अमजद ने ‘शोले’ साइन की थी. एक नए इंटरव्यू में, शादाब ने खुलासा किया कि अमजद के पास अपनी मां शहला खान को अस्पताल से डिस्चार्ज करवाने के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता चेतन आनंद ने उन्हें 400 रुपए देकर मदद की थी.
‘शोले’ (Sholay) साल 1975 में रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी और इसके डायरेक्टर रमेश सिप्पी (Ramesh Sippy) थे. अमजद ने फिल्म में क्रूर डकैत गब्बर सिंह का किरदार निभाया, जो आज तक पॉपुलर है. इसी किरदार से उन्हें पॉपुलैरिटी भी मिली है. फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, हेमा मालिनी और जया बच्चन ने भी लीड और अहम किरदार में थे. ‘शोले’ की एक क्लासिक और भारत की बेहतरीन फिल्मों में गिनती है.
शादाब खान (Shadab Khan) ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, “हां (हंसते हुए), लेकिन उनके पास पेमेंट करने के लिए पैसे नहीं थे जिससे मेरी मां शहला खान को उस अस्पताल से छुट्टी मिल सके जहां मैं पैदा हुआ था. वह रोने लगी थीं. मेरी पिताजी अस्पताल में नहीं आ रहे थे, उन्हें अपना चेहरा दिखाने में शर्म आ रही थी. चेतन आनंद ने मेरे पिता को एक कोने में अपना सिर पकड़े हुए देखा था, उस दौरान मेरे पिताजी ने उनकी फिल्म ‘हिंदुस्तान की कसम’ की थी. चेतन आनंद साहब ने उन्हें 400 रुपए दिए ताकि मैं और मेरी मां घर आ सकें.”
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