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अयोध्या : 2 अप्रैल या 26 अप्रैल से शुरू हो सकता है राम मंदिर का निर्माण

Posted at: Feb 10 , 2020 by Dilersamachar 9738

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक 19 फरवरी को होगी. यह बैठक ट्रस्ट के दिल्ली ऑफिस और के. परासरण के निवास स्थान पर होगी. बैठक शाम 5.00 बजे बुलाई गई है. बैठक के एजेंडे में ट्रस्ट के अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष का चुनाव और इसके अतिरिक्त ट्रस्ट में नामांकन के लिए दो सदस्यों का चुनाव बहुमत के आधार पर होगा. सूत्रों कहा कहना है कि राम मंदिर का निर्माण 2 अप्रैल (रामनवमी के दिन) या फिर 26 अप्रैल (अक्षय तृतीया) के दिन शुरू किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य इस साल रामनवमी या अक्षय तृतीया से शुरू हो सकता है. हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला ट्रस्ट की पहली बैठक में लिया जाएगा. गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रस्ट का एलान कर दिया था. ट्रस्ट की घोषणा के बाद ट्रस्टियों के नाम भी घोषित कर दिए गए थे. अध्यक्ष का नाम अभी तय नहीं हुआ है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. इस बीच बीजेपी और मंदिर आंदोलन से जुड़े कई नेताओं ने ट्रस्ट में एक ओबीसी समाज के प्रतिनिधि को भी शामिल किए जाने की मांग की है. मंदिर से जुड़े सारे निर्णय ट्रस्ट ही लेगा. हालांकि विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि अगर ट्रस्ट कहेगा तो मंदिर के लिए फंड जुटाने का काम विहिप कर सकता है.

शंकराचार्य नाराज

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्रस्ट गठन की घोषणा के दो दिन बाद, दशकों पुराने मंदिर आंदोलन में शामिल शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने खुद को शामिल नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति जताई है, जिससे विवाद शुरू हो गया है. स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्ते श्वरानंद ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इसमें संशोधन नहीं किया तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.  शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने यहां वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्वरूपानंद को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में मान्यता दी थी.

भिड़े कांग्रेस के दो नेता

कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और उदित राज राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों के प्रारूप को लेकर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए. पार्टी के एससी/एसटी नेता उदित राज ने ट्रस्ट में सिर्फ एक दलित व्यक्ति को स्थान दिए जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, "पिछली जनगणना के अनुसार दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना अधिक है. फिर सरकार ने राम मंदिर को ब्राह्मणों पर ही क्यों छोड़ दिया है?" पूर्व लोक सेवक उदित राज पिछले साल आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले, वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद थे.

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