दिलेर समाचार, चंडीगढ़: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने हाल में अमृतसर में आयोजित एनजेडसी (NZC) सम्मेलन को संबोधित किया. संबोधन में उन्होंने दिल्ली में बांस के बगान लगाने से लेकर यमुना की सफाई और ठोस कचरे की डंपिग की योजना पर बात की. एलजी हाउस के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने यमुना में प्रदूषण को कम करने और नगरपालिका द्वारा ठोस कचरे के डंपिग के लिए की गई पहल पर प्रकाश डाला.
एलजी सक्सेना ने कहा कि लगभग 3.15 लाख बांस के पेड़ पूरे शहर में लगाए गए थे. इसमें 2.9 लाख वन विभाग द्वारा और 25,000 डीडीए द्वारा लगाए गए थे. इसमें यमुना तट पर ‘बांसेरा’ भी शामिल था.
एलजी सक्सेना ने बांस के महत्व पर भी प्रकाश डाला. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बांस के पेड़ अन्य पौधों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं और कम पानी की भी खपत करते हैं, जिससे भू-जल स्तर बढ़ता है. उन्होंने कहा, ‘विशेषज्ञों’ ने इस योजना पर संदेह जताया था लेकिन उसके बावजूद, पिछले आठ महीनों के दौरान ये 10 से 20 फीट तक बढ़ गए हैं.’
उन्होंने नाले और नदी में जमा हजारों टन गाद और कचरे की सफाई की योजना पर बात की. उन्होंने आंशिक गुरुत्वाकर्षण डी-सिल्टिंग (Partial Gravitational De-silting) के माध्यम से नजफगढ़ नाले और यमुना को साफ करने की भी बात की. जलकुंभी को काटने के लिए रोटर ब्लेड वाली मोटर नौकाओं का उपयोग और बाद में कन्वेयर बेल्ट का उपयोग करके सीधे ट्रकों में लोड कर उसे नाले/नदी के किनारे मिट्टी के नीचे डालने की बात की. उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण पर भी रोकथाम लगेगी और वे प्राकृतिक खाद में भी बदल जाएंगे.
ये भी पढ़े: Newsclick के पत्रकारों के घर दिल्ली पुलिस की रेड
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar