दिलेर समाचार, आज वसंत पंचमी (Vasant Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) का भी आयोजन है. वसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. वसंत पंचमी से ऋतुराज वसंत का आगमन होता है. सबके मन में एक नया उमंग होता है, पृथ्वी भी पेड़-पौधों की नई कोपलों एवं सरसों के पीले फूलों से नए श्रृंगार करती है. वसंत पंचमी का पर्व प्रेम एवं उमंग से लोगों को सराबोर करता है. प्रेम एवं काम के देवता कामदेव सभी जीवों में भाव स्वरूप में नई उमंग पैदा करते हैं. जिन लोगों के वैवाहिक जीवन या फिर लव लाइफ में कोई समस्या हो, तो आज वसंत पंचमी पर कामदेव (Kamdev) एवं उनकी पत्नी रति (Rati) का पूजन करना चाहिए. कामदेव एवं रति की कृपा से आपकी लव लाइफ (Love Life) बेहतर होगी, संबंधों में मधुरता बढ़ेगी, प्रेम सफल होगा. आइए जानते हैं वसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा विधि एवं मंत्र के बारे में.
वसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा
कामदेव को अनंग कहा गया है यानी बिना अंग वाले. भगवान शिव ने उनको वरदान दिया था कि वे भाव स्वरूप में विद्यमान रहेंगे. कामदेव प्रेम एवं काम को बढ़ाने वाले हैं. कामदेव और रति एक दूसरे के पूरक हैं. कामदेव की धनुष एवं बाण फूलों का बना है. इनका वार घातक नहीं होता, वे पुष्प बाण से लोगों में प्रेम एवं काम उत्पन्न करते हैं. वसंत पंचमी के अवसर पर कामेदव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर विचरण करते हैं. आज वसंत पचंमी पर आपको कामदेव एवं रति की पूजा करनी चाहिए.
कामदेव एवं रति की पूजा विधि
1. आज आप कामदेव एवं रति की तस्वीर को स्थापित करें. फिर उनकी पूजा करें.
2. कामदेव को फूल, चंदन, धूप, दीप, अगरबत्ती, पान, सुपारी, इत्र, गुलाबी वस्त्र, सौंदर्य सामग्री आदि से सुशोभित करें.
3. उसके बाद रति की पूजा करें. रति को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.
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