सामुद्रिक शास्त्र अन्य सभी शास्त्रों से बहुत अलग है। इस शास्त्र में किसी भी व्यक्ति के अंगों की बनावट या उन पर बने निशान देखकर यह बताया जाता है किस व्यक्ति का स्वभाव, व्यवहार और भविष्य कैसा होगा। इसमें नाक, कान, आंख और गले आदि की बनावट देखकर भी स्वभाव की गणना की जाती है। माना जाता है कि जिन लोगों के कान पर तिल होता है वह बहुत खास होते हैं।
कान के ऊपरी हिस्से पर तिल का मतलब
कहा जाता है कि जिन लोगों के कान के ऊपरी हिस्से पर दिल होता है ऐसे लोग बहुत गुस्सैल होते हैं। इन लोगों को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है। साथ ही इन्हें बहुत नखरा करने वाला भी माना जाता है। कहते हैं कि यह लोग अपने से ज्यादा बुद्धिमान और किसी को नहीं मानते हैं। उनकी खासियत यह है कि यह वास्तव में भी बहुत समझदार होते हैं।
कान के बीच में तिल का मतलब
जिन लोगों के कान के बीच के हिस्से में तिल होता है वह बहुत ईमानदार होते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोग आदर्शों पर चलने वाले होते हैं। इन्हें अपने बनाए दोस्तों को तोड़ना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है। साथ ही यह समाज में भी यही संदेश देते हैं कि हर इंसान को अपने आदर्शों पर चलना चाहिए। इन लोगों को किसी की भी गुलामी करना नहीं पसंद होता है।
कान के निचले हिस्से पर तिल का मतलब
कान के निचले हिस्से पर तिल होने से व्यक्ति बहुत भावुक होता है। ऐसे व्यक्ति को अगर उनके बॉस उनकी गलती पर भी डांट दें तो वह ऑफिस में ही रोने लगते हैं। यह हर बात को अपने दिल से लगा लेते हैं। माना जाता है कि इन लोगों को प्रेम संबंधों में धोखा खाने को मिलता है। अक्सर यह लोग अपने भावुक स्वभाव की वजह से धोखा खा लेते हैं।
कान के पिछले हिस्से पर तिल का मतलब
कहते हैं कि जिन लोगों के कान के पिछले हिस्से में दिल होता है ऐसे लोग बहुत कल्पनाशील होते हैं। अपनी खुद्दारी पर यकीन होता है। यह लोग यह मानते हैं कि कल्पना के जरिये दुनिया पर विजय हासिल की जा सकती है। ऐसे लोग समाज में सभी के प्रिय होते हैं। लेकिन फिर भी इन लोगों के मन में खालीपन समाया होता है। इनके स्वभाव की एक खासियत है कि यह बहुत दृढ़ निश्चयी होते हैं।
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