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बुराड़ी कांड: क्‍या सुलझ गई 11 लोगों की मौत की गुत्‍थी? ये हो सकता है 'मास्‍टरमाइंड'

Posted at: Jul 3 , 2018 by Dilersamachar 9815

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: दिल्‍ली के बुराड़ी के एक घर में 11 मौत के मामले की गुत्‍थी सुलझती नजर आ रही है. एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है जिससे पता चला है कि सभी 11 लोगों की मौंंते हैंगिंग की वजह से हुई हैं. 77 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला नारायण देवी की भी मौत फांसी से हुई है जबकि पहले बताया गया था कि उसकी मौत गला घोंटने से हुई है. परिवार के कुछ लोगों ने दूसरों लोगों को लटकने में मदद की. किसी के शरीर पर विरोध के कोई सबूत नहीं है.  किसी के शरीर पर गले के अलावा चोट का कोई निशान नहीं है. कुछ लोगों के पेट खाली मिले तो कुछ ने खाना खाया था. पुलिस ने अभी तक की जांच में किसी बाबा या तांत्रिक का नाम सामने नहीं आया है. पुलिस ने बेटे ललित को इस मास सुसाइड (सामूहिक आत्‍महत्‍या) का मास्टरमाइंड समझ रही है. वो सपने में अपने पिता गोपालदास से बात करता था. जबकि गोपालदास की मौत 10 साल पहले हो चुकी है. पिता जैसा बोलते थे वो वो सारी बातें रजिस्टर में लिखता था. जैसे 'मैं कल या परसों आऊंगा, नहीं आ पाया तो फिर बाद में आऊंगा, ललित की चिंता मत करो तुम लोग, मैं जब आता हूं ये थोड़ा परेशान हो जाता है, मां सबको रोटी-रोटी खिलाएगी. 
ललित 2015 में रजिस्टर में लिखता था. सपने उसे हर रोज नहीं बल्कि उसे कभी कभी आते थे. 2 रजिस्टरों में एक पूरा भरा हुआ है, जबकि दूसरा आधा लिखा गया है. मौत की तारीख पहले से तय हो गई थी. मौत के पहले 20 रोटियां बाहर से मंगाई गई थी. वहीं बुज़ुर्ग महिला के पास एक चुन्नी और बेल्ट मिली है.



इस मामले में दिल्‍ली पुलिस के ज्‍वाइंट सीपी क्राइम आलोक कुमार ने कहा है कि अब तक कि जांच में ऐसा लगता है कि इसमें किसी तांत्रिक का हाथ नहीं है, हालांकि की हम परिवार के सभी लोगों की कॉल डिटेल्स देख रहे हैं. घर का दरवाजे जिस तरह से खुले थे वो शक जरूर पैदा करते है कि कोई तांत्रिक आया और निकल गया हो क्योंकि सुसाइड दरवाजा बंद करके ही होते हैं, लेकिन कोई तांत्रिक इतने लोगों को क्यों मौत के मुंह में धकेलेगा उसका क्या मकसद हो सकता है. वैसे अभी तक किसी बाहरी के आने के सबूत भी नहीं मिले हैं, जिस तरह से रजिस्टर के नोट में लिखा है कि "सब लोग अपने-अपने हाथ खुद बांधेंगे और जब क्रिया हो जाये तब सभी एक दूसरे के हाथ खोलने में मदद करेंगे. इससे ये लगता है कि परिवार के लोगों को मौत का अंदाज़ा नहीं था वो इसे एक खेल या एक अंधविश्वास के डेमो की तरह कर रहे थे. उन्हें लग रहा होगा वो ये क्रिया कर ज़िंदा बच जाएंगे. बुज़ुर्ग महिला ने भी बेड से सटी अलमारी में बेल्ट और चुन्नी के सहारे फांसी लगाई, लेकिन मौत के बाद वो बेड से उल्टी गिर गई. अभी तक कि जांच में ललित ही इस मामले का मास्टरमाइंड लगता है.

आपको बता दें कि मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है. भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले. प्रियंका की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और इस साल के अंत तक उसकी शादी होनी थी

ये भी पढ़े: 11 लोगों की मौत का सबसे बड़ा सच? क्या सिर्फ इस शख्स के चलते उठा लिया गया 'बड़ तपस्या' का कदम

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