Logo
February 19 2025 06:54 AM

खेती किसानी के लिए लोन लेने वालों के लिए बड़ा अलर्ट! 7 दिन के अंदर बैंक को वापस कर दें वरना...

Posted at: Aug 23 , 2020 by Dilersamachar 9609

दिलेर समाचार, नई दिल्ली. यह खबर उन किसानों के लिए है जिन्होंने खेती-किसानी के लिए बैंकों से लोन ले रखा है. अगर वो अगले 7 दिन के अंदर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC-Kisan Credit Card) पर लिया गया पैसा बैंक को वापस नहीं करते हैं तो उन्हें 4 की जगह 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा. खेती-किसानी के लोन पर सरकार ने 31 अगस्त तक पैसा जमा करने की मोहलत दी है.

आमतौर पर केसीसी पर लिए गए लोन को 31 मार्च तक वापस करना होता है. उसके बाद किसान (Farmer) फिर अगले साल के लिए पैसा ले सकता है. जो किसान समझदार हैं वो समय पर पैसा जमा करके ब्याज में छूट का लाभ उठा लेते हैं. दो-चार दिन बाद फिर से पैसा निकाल लेते हैं. इस तरह बैंक में उनका रिकॉर्ड भी ठीक रहता है और खेती के लिए पैसे की कमी भी नहीं पड़ती. अब और छूट मिलने की संभावना कम ही है, क्योंकि लॉकडाउन खत्म हो गया है. कृषि गतिविधियां भी पटरी पर आ गई हैं.

मोदी सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए इसे 31 मार्च से बढ़ाकर पहले 31 मई किया था. बाद में इसे और बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया. इसका मतलब यह है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर 31 अगस्त तक भुगतान कर सकते हैं. बाद में यह महंगा पड़ेगा.

केसीसी पर कैसे कम लगता है ब्याज?

खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर जागरूक किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है.

आमतौर पर बैंक किसानों को सूचित कर 31 मार्च तक कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं. अगर उस समय तक कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है.

2.5 करोड़ और किसानों को लोन देने का प्लान

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभार्थियों के बीच करीब 2.5 करोड़ लोगों का अंतर है. इन किसानों को केसीसी उपलब्ध करवाने की तैयारियों में सरकार जुट गई है.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मुताबिक “ढाई करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का आसान और रियायती क्रेडिट उपलब्ध कराया जाएगा.” सरकार की कोशिश है कि कोई भी किसान साहूकारों से लोन न ले क्योंकि उसकी ब्याज दर (Rate of interest) काफी अधिक होती है और किसान इस कर्ज के दुष्चक्र से बाहर नहीं निकल पाता. जबकि सरकारी लोन लेने पर सालाना सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है जो देश में किसी भी लोन पर सबसे कम दर है. अभी करीब आठ करोड़ केसीसी धारक हैं.

 

 

 

ये भी पढ़े: पासपोर्ट में मां का नाम बदलवाना चाहती है जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED