दिलेर समाचार, पुणे इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. पुणे पुलिस के मुताबिक, 3700 करोड़ की जो ड्रग्स बरामद की गई है और उसमें से 1800 करोड़ की ड्रग्स का आर्डर लंदन से दिया गया था. इतना ही नहीं इस ड्रग्स को लंदन सप्लाई करने के लिए भी एक प्लान तैयार किया गया था. पुलिस ने बताया है कि करोड़ों की ड्रग्स को बनाने के लिए रसायन वीरेंद्र सिंह बरोरिया नामक शख्स ने सप्लाई किया था.
पुणे पुलिस ने पुणे, सांगली और दिल्ली से करोड़ों की ड्रग्स की जो खेप पकड़ी है, उसमें पूरा रसायन वीरेंद्र सिंह बरोरिया ने ही सप्लाई किया था. वीरेंद्र सिंह बरोरिया पुणे ड्रग्स रैकेट के मास्टमाइंड संदीप धुनिया का बेहद करीबी साथी है. पुणे पुलिस ने वीरेंद्र सिंह बरोरिया के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है. लुक आउट नोटिस जारी कर वीरेंद्र सिंह बरोरिया की तलाश में पुणे पुलिस जुटी है.
3700 करोड़ की ड्रग्स में से 1800 करोड़ की ड्रग्स पुणे से दिल्ली और फिर दिल्ली से एक कुरियर कंपनी के जरिये फूड पैकेट में लंदन भेजी जानी थी. इसकी जिम्मेदारी आरोपी अयूब मकन्दर को सौंपी गई थी. सांगली से अयूब मकन्दर की गिरफ्तारी के बाद ही लंदन कनेक्शन का खुलासा हुआ था. वीरेंद्र सिंह बरोरिया के खिलाफ पुणे और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में NDPS के मामले दर्ज हैं.
पुणे पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि संदीप धुनिया और वीरेंद्र सिंह बरोरिया एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं. पुणे में ड्रग्स फैक्ट्री को स्थापित करने के लिए वीरेंद्र सिंह बरोरिया ने संदीप धुनिया की काफी मदद की थी. संदीप ने ड्रग्स फैक्ट्री लगाने के लिए पैसे खर्च किया था, तो वीरेंद्र सिंह ने केमिकल एक्सपर्ट युवराज भुजबल के साथ मिलकर कुरकुम्भ इलाके में फैक्ट्री लगाने के लिए जगह देखी थी. इसमें सांगली के रहने वाले अयूब मकन्दर नाम के एक शख्स की भी मदद ली गई थी, जो संदीप से 2016 में येरवडा जेल में रहने के दौरान मिला था. फैक्ट्री स्थापित होने के बाद वीरेंद्र सिंह ने ही एमडी ड्रग्स की खेप बनाने के लिए पूरा रसायन संदीप धुनिया को सप्लाई किया था.
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