दिलेर समाचार, पटना. बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव के बाद अब पार्टी की राज्य इकाई का स्वरूप भी बदलने की तैयारी है. 10 जनवरी को राज्य कार्यकारिणी एवं राज्य परिषद की संयुक्त बैठक होने वाली है. यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है और इस पर बिहार के तमाम सियासी दलों की निगाहें टिकी हुई हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जिस तरीके से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़कर आरसीपी सिंह (RCP Singh) को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है, उसके बाद बिहार JDU में भी बड़े बदलाव की संभावना है. इसका इशारा प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी किया है.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद संगठन में बदलाव की ज़रूरत महसूस हो रही है. जिन लोगों ने चुनाव में अच्छा काम किया है, उन्हें उसका इनाम मिलेगा. लेकिन जिन लोगों ने पार्टी के लिए ईमानदारी से काम नहीं किया है, ऐसे लोगों को इसका ख़ामियाजा भुगतना पड़ेगा. प्रदेश अध्यक्ष ये भी कहते हैं कि पार्टी में युवाओं की भूमिका बढ़ने वाली है.
ख़बर है कि 10 जनवरी को जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कई पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों के नाम का ऐलान किया जा सकता है. शनिवार और रविवार दो दिन तक प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक JDU कार्यालय में कर्पूरी सभागार में होगी. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह करेंगे, साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी मौजूद रहेंगे.
बैठक में राज्य कार्यकारिणी और राज्य परिषद के 150 सदस्यों के साथ-साथ पार्टी के लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सदस्य और क्षेत्रीय प्रभारी के साथ-साथ ही विधानसभा चुनाव में पार्टी के हारे हुए उम्मीदवार भी शामिल होंगे. सूत्र ये भी बताते हैं कि पार्टी अति पिछड़ा और कुशवाहा जाति से कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. फिलहाल अशोक चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष हैं, लेकिन जब नीतीश कुमार ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को अपनाते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया, तो माना जा रहा है कि अशोक चौधरी भी कार्यकारी अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं.
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