दिलेर समाचार, पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग उठाई है. उन्होंने सोमवार को कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की हमारी मांग काफी पुरानी है. हमनें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी इसके लिए समय मांग था, लेकिन मनमोहन सिंह ने समय नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार की ज़रूरत है, क्योंकि बिहार लगातार आपदाओं से जूझता रहता है. ऐसे में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. इस मसले पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. दूसरी तरफ, आगामी लोकसभा चुनावों में सीट बंटवारे के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा से इस मसले पर वन टू वन बात होगी. अगले तीन से चार हफ्तों के अंदर लोकसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर भाजपा का प्रस्ताव आ जाएगा. नीतीश ने यह भी कहा कि सीटों की संख्या के बाद सीट पर चर्चा होगी. इस बार माना जा रहा है कि नीतीश को कम से कम पंद्रह सीटों मिलेंगी
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बिहार के चार जिलों में सब्जी के ऑर्गेनिक फार्मिंग में एक प्रयोग शुरू किया है. वह प्रयोग है इनपुट सब्सिडी. अगर हम इनपुट सब्सिडी देंगे तो किसानों की लागत घट जाएगी और अगर लागत कम होगी तो किसानों को नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इनपुट सब्सिडी को अच्छे से लागू किया जाए तो किसानों को इसका काफी लाभ मिल सकता है. हमने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी जदयू ने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग उठाई थी. पार्टी ने कहा था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बिहार को विशेष दर्जा देने से इनकार करना ‘अन्याय’ के बराबर है. जदयू ने सवाल किया था कि केंद्र राज्य को विशेष सहायता मुहैया कराने की कोई प्रतिबद्धता क्यों नहीं जता रहा है जैसा वह आंध्र प्रदेश में कर रहा है.जदयू महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा था, ‘‘रघुराम राजन समिति ने बिहार को 10 सबसे कम विकसित राज्यों में शामिल किया था. समग्र विकास सूचकांक के आधार पर तैयार सूची में हमारा स्थान नीचे से दूसरा है.’’
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