दिलेर समाचार, नई दिल्ली। उत्तर-प्रदेश में बीजेपी नेताओं की दबंगई का एक मामला सामने आया है. घटना बांदा की है. जिले की स्थानांतरित एसपी शालिनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता ने अभद्र टिप्पणी की तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मगर, सैकड़ों समर्थकों ने धावा बोलकर नेता को सीओ के कब्जे से छुड़ा लिया. सीओ को तीन घंटे तक उन्होंने बंधक भी बनाया.
दरअसल मिर्जापुर के लिए स्थानांतरित पुलिस अधीक्षक (एसपी) शालिनी के खिलाफ पार्टी के महुआ मंडल अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी ने फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी की थी। बांदा में तेरह माह का कार्यकाल बिताने वालीं स्थानांतरित एसपी ने बीजेपी नेता के खिलाफ आईटी एक्ट में केस दर्ज करवाया था. मामला एसपी से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने रात में ही भाजपा पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया.
गुरुवार सुबह त्रिपाठी को जेल भेजने की तैयारी के तहत पुलिस उसे चिकित्सीय जांच के लिए जिला चिकित्सालय ले गई, लेकिन सत्ता की हनक काम आई. ढाई सौ से ज्यादा भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं ने अस्पताल को घेर लिया.बाद में नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) राघवेंद्र सिंह आरोपी को अपनी सरकारी जीप में कोतवाली सदर बांदा ले गए. यहां भी भीड़ यहां भी पहुंच गई. भीड़ ने सीओ को तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा, उसी दौरान वे आरोपी को जबरन छुड़ा ले गए. करीब चार घंटे की भाजपाई जहमत झेल चुके सीओ राघवेंद्र सिंह ने शाम को बताया कि आरोपी बृजेश त्रिपाठी पर दर्ज सभी धाराएं जमानती हैं, इसलिए निजी मुचलका भरवा कर कोतवाली से छोड़ा गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है।' जबकि भाजपा बांदा जिलाध्यक्ष लवलेश सिंह और महामंत्री प्रेम नारायण द्विवेदी ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि 'पुलिस त्रिपाठी को बुधवार की देर रात गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले गई थी, वहां बेरहमी से पिटाई की है. इस संबंध में त्रिपाठी ने सदर कोतवाली में बांदा में एसपी शालिनी को नामजद करते हुए अपहरण और हत्या की साजिश रचने की एक तहरीर भी दी है, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज किया गया है.भाजपा महामंत्री प्रेम नारायण द्विवेदी ने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा क्षेत्र नरैनी, बबेरू और तिंदवारी के विधायक इस मुद्दे को एक साथ उठाएंगे
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