दिल्ली के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए कोई परीक्षा नहीं होगी. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, "राज्य भर के सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. छात्रों का मूल्यांकन पिछली परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा. यह निर्णय तीसरे वर्ष के छात्रों पर भी लागू होता है.''
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ये जानकारी, बयान देकर जारी की. इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. जिसमें फाईनल ईयर अंडरग्रेजुएट एग्जाम का शेड्यूल दिया गया हो. फाईनल एग्जाम्स को 10 जुलाई से 15 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. उच्च न्यायालय ने हलफनामे में यह भी बताने के लिए कहा था कि वे परीक्षाओं को कैसे आयोजित करेंगे. ऑनलाइन, ऑफ-लाइन या दोनों मोड. इसके अलावा पूरी डेटशीट और छात्रों को स्पष्टता प्रदान करने के लिए भी पूछा था.
अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन दत्ता की प्रार्थना को कुछ समय के लिए मंजूरी दे दी थी. क्योंकि उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षा आयोजित करने की नई योजना तैयार करनी थी. अदालत ने 13 जुलाई तक हलफनामा दायर करने का आदेश दिया और मामले को 14 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी, जो 10 जुलाई से शुरू होने वाली थी. एग्जाम टालने का डीयू का निर्णय यूजीसी के दिशा-निर्देशों के एक दिन बाद आया था. जिसमें कहा गया था विश्वविद्यालय अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन या नियमित मोड में आयोजित कर सकते हैं, या मिश्रित प्रारूप (blended format) का विकल्प चुन सकते हैं.
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