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भाई बीमारी के चलते कुश्ती में नहीं बढ़ पाया आगे तो बहन ने सीखे दांव-पेज

Posted at: Mar 14 , 2018 by Dilersamachar 10635

दिलेर समाचार, पानीपत । बेटा-बेटी में फर्क मानने वाले लोगों को अर्जुन अवार्डी एवं हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर नेहा राठी ने अपनी मेहनत के बलबूते पर करारा जवाब दिया है। नेहा ने अपने बड़े भाई अशोक कुमार के बीमार होने पर कुश्ती में आगे न बढ़ पाने पर अपने परिवार के पसंदीदा खेल कुश्ती को चुना। उसने अपने मनपसंद खेल स्वी¨मग को भी छोड़ दिया। नेहा राठी कुश्ती में एक नहीं, करीब 35 पदक जीत चुकी है। वह नेशनल में लगातार 10 साल तक गोल्ड मेडलिस्ट रहीं।

दैनिक जागरण ने समाज को महिला सशक्तीकरण की नई पहचान देने वाली नेहा राठी से बात कर उनके खेल अनुभव व चुनौतियों के बारे में जाना। नेहा राठी हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर हैं। अब सिविल लाइन थाना करनाल में अतिरिक्त प्रभारी के पद पर तैनात हैं।

नेहा राठी ने बताया कि वह मूल रूप से भापड़ोदा, झज्जर की रहने वाली है। पिता रिटायर्ड आइपीएस जगरूप ¨सह हरियाणा पुलिस में कुश्ती कोच थे। उनका परिवार कुश्ती में था। भाई अशोक कुमार कुश्ती में था, जबकि उसको स्वी¨मग पसंद था। भाई अशोक कुमार नेशनल तक खेला लेकिन बीमारी के चलते कुश्ती में नहीं बढ़ पाया। उसके पिता ने उसको कुश्ती में आगे आने की कही। वह स्वी¨मग को छोड़कर कुश्ती में आगे आई। उसने मधुबन में अपने पिता से कुश्ती के दाव सीखे।

15 साल की उम्र में सीखी, अर्जुन अवार्ड पाया : नेहा राठी ने बताया कि उसने 15 साल की उम्र में कुश्ती में दाव पेंच सीखने शुरू कर दिए। उसने 2000 में नेशनल में तीसरा स्थान पाया। इसके बाद उत्साह बढ़ गया। वह इसके बाद 2013 तक लगातार 10 साल नेशनल में गोल्ड चैंपियन रही। 34 बार इंटरनेशनल स्तर पर खेलों में भाग ले चुकी है। 2005 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड व 2006 में साउथ अफ्रीका में आयोजित सेंच्यूरी कप में गोल्ड मेडल जीता। 2008 में एशिया चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।

बाल कुमारी से लेकर भारत केसरी व अर्जुन अवार्ड : नेहा राठी ने कुश्ती में खुद को साबित कर दिया। उसने 2005-06 में भीम अवार्ड प्राप्त किया। इसके बाद 2013-14 में अर्जुन अवार्ड प्राप्त किया। उसने इसके अलावा बाल कुमारी, भारत कुमारी व भारत केसरी पदक जीते। उसको कुश्ती में पदक जीतने पर 2008 में सब इंस्पेक्टर लगाया। हालांकि वह डीएसपी के पद की दावेदार थी। वह सरकार से आज भी इसकी गुजारिश करती है। उसने 2010 में एशिया, कामनवेल्थ व आल इंडिया पुलिस गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। उसके इसी प्रदर्शन पर उसको 2012 में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत किया।

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