दिलेर समाचार, नई दिल्ली: केंद्र सरकार (अभियोजन पक्ष) ने निर्भया मामले के सभी दोषियों की फांसी टालने के आदेश को चुनौती दी है. सरकार ने निजली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. अभियोजन पक्ष की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने चारो दोषियों को नोटिस जारी किया है. इस याचिका पर रविवार को सुनवाई होगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका पर निर्भया के चारों दोषियों, तिहाड़ जेल के डीजी और तिहाड़ जेल सुप्रिटेंडेंट को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. अभियोजन पक्ष ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को चारों दोषियों की फांसी को टाल दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट आज (रविवार) को दोपहर तीन बजे मामले की सुनवाई करेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को निर्भया मामले (Nirbhaya Case) के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी है. चारों दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है, जो राष्ट्रपति के पास लगाई गई थी. इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. विनय ने राष्ट्रपति को दी गई अपनी अर्जी में कहा था कि जेल में रहने के दौरान उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है. विनय ने राष्ट्रपति से गुजारिश की थी कि वो जो भी समय उचित हो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें.
विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दायर अपनी दया याचिका में अपनी मां और पिताजी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था कि वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन जब उससे उसके मां-बाप मिलने आए और उन्होंने कहा कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं तब से मैंने मरने का खयाल छोड़ दिया है. विनय ने दया याचिका में कहा कि ''मेरे पिताजी और मां ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रह.''
इससे पहले शुक्रवार को निर्भया केस (Nirbhaya Case) के दोषियों को एक फरवरी को फांसी का फैसला टल गया. पटियाला कोर्ट ने आदेश दिया कि उसके अगले आदेश तक दोषियों को फांसी नहीं होगी. पटियाला हाउस कोर्ट का आदेश शुक्रवार को शाम साढ़े पांच बजे के बाद आया. पूर्व में जारी किए गए डेथ वारंट के अनुसार दोषियों को एक फरवरी को फांसी पर लटकाया जाना था. कोर्ट की ओर से शाम को नए आदेश की कॉपी दी गई.
इससे पहले निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Case) के दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. दोषी पवन गुप्ता की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. अपराध के समय नाबालिग होने की दलील खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पवन ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. पवन ने सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी के उस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी जिसमें अपराध के समय पवन के नाबालिग होने की याचिका को खारिज कर दिया गया था.
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