दिलेर समाचार,गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर हर मां की सोच यही होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो और उसमें किसी प्रकार की विकलांगता न हो. इस बारे में डॉक्टर्स का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान की गई छोटी-छोटी गलतियों के कारण बच्चों में विकलांगता आती है. कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण जहां बच्चों के पैरों में परेशानी आने का खतरा रहता है, वहीं इस दौरान बाहर के खानपान का भी गर्भ पर असर होता है.
गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. रेणु चावला ने इस बारे में बताया कि दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं. इसमें हार्मोनल चेंजेज भी शामिल हैं. इसकी वजह से उन्हें समय-समय पर कुछ खास खाने का मन होता है. जैसे कि खट्टा, चटपटा आदि. प्रेग्नेंसी में ऐसा करना मां को तो संतोष देता है, बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो उनमें विकलांगता के खतरे को बढ़ा देता है.
डॉ. रेणु चावला के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे पहले इन पांच बातों का ख्याल रखना चाहिए...
1. प्रेग्नेंसी के 3 महीने पहले से प्रेग्नेंसी की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. तीन महीने पहले सभी जरूरी टेस्ट मसलन थायरॉयड, सिस्ट आदि का टेस्ट जरूरी है. इसके अलावा हर महिला को प्रेग्नेंसी के 3 महीने पहले से ही फॉलिक एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए. ताकि बच्चे और मां में खून की कमी न हो और इसकी वजह से कोई कॉम्पिलिकेशन्स न आएं.
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