दिलेर समाचार, नवरात्रि के नौ दिन इतने शुभ होते हैं कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए इस 9 दिन में कोई भी अगर कोई शुभ काम या फिर नया काम शुरू करना चाहे तो कर सकता है। घर से लेकर गाड़ियों तक और घर की इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस से लेकर गहनों तक सबसे ज्यादा इसी दौरान खरीदारी होती है। वैसे आपकी जानकारी के लिए ये बता दें कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि आती है। चैत्र और शारदीय के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी आती है।
आज हम आपको नवरात्री के दौरान आपको कुछ ऐसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं इन 4 मंत्र के उच्चारण से जीवनभर एवं बाधा रहित होकर समस्त सुखों को प्राप्त करता है और मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करते हुए निम्न मंत्रों का जप नवरात्रि के अलावा प्रतिदिन किया जाए तो अधिक से अधिक सफलता प्राप्त होती है। इन्हें आप केवल नवरात्र में ही नहीं हर दिन पढ़ सकते हैं। वहीं आपको बता दें कि प्रत्येक मनुष्य को इन प्रभावी मंत्रों का जाप करना ही चाहिए। नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना का विधान है। नवदुर्गा के इन मंत्रों की प्रतिदिन की देवी के दिनों के अनुसार मंत्र जप करने से मनोरथ सिद्धि होती है।
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
4. नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
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