नोटबंदी के बाद टैक्स देने वालों की गिनती में हुई बढ़ोतरी को लेकर उठ रहे सवालों पर आयकर विभाग की सफाई दी है. इसके पहले ये जान लेते हैं कि अलग-अलग मौकों पर किन-किन लोगों ने नए टैक्स देने वालों के बारे में क्या कुछ कहा:
अब आयकर विभाग का कहना है कि अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग संदर्भ औऱ अळग-अलग तारीखो का इस्तेमाल किया गया. अब अलग-अलग आंकड़ों को लेकर आईटी विभाग की दलीलें कुछ इस तरह है.प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण के संदर्भ में इस बात पर ध्यान देना होगा कि पहली अप्रैल से लेकर 5 अगस्त के बीच कुल मिलाकर 2.79 करोड़ आईटी रिटर्न दाखिल किए गए जबकि 2016 में इस दौरान 2.23 और 2015 में 2 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए. इस तरह अतिरिक्त रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2017 में 56 लाख और 2016 में 22लाख रही.आर्थिक समीक्षा में दिए गए आंकड़ें 2016-17 और 2015-16में 9 नवंबर से 31 मार्च के बीच के आंकड़ों पर आधारित है. पिछले सालों के दौरान नए कर देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के आधार पर ही 5.4 लाख का अनुमान लगाया गया. दूसरी ओर प्रधानमंत्री के भाषण में दिया गया आंकड़ा नए और पुराने कर दाताओं को मिलाकर है. यही वजह है कि अलग-अलग आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
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