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नोटबंदी के बाद टैक्स देने वाले नए करदाताओ को लेकर आयकर विभाग की सफाई

Posted at: Aug 19 , 2017 by Dilersamachar 9636

नोटबंदी के बाद टैक्स देने वालों की गिनती में हुई बढ़ोतरी को लेकर उठ रहे सवालों पर आयकर विभाग की सफाई दी है. इसके पहले ये जान लेते हैं कि अलग-अलग मौकों पर किन-किन लोगों ने नए टैक्स देने वालों के बारे में क्या कुछ कहा:

  • प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा है कि पहली अप्रैल से लेकर 5 अगस्त के बीच अतिरिक्त 56लाख लोगों ने आईटी रिटर्न दाखिल किए जबकि बीते साल ये संख्या 22 लाख थी.
  • 12 अगस्त को जारी आर्थिक समीक्षा के दूसरे खंड में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद 5.4 लाख नए टैक्स देने वाले जुड़े.
  • 17 मई को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आयकर विभाग की कार्रवाई की वजह से टैक्स देने वालों की संख्या 91 लाख बढ़ी.
  • पहली अगस्त को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा गया कि नोटबंदी के बाद नए टैक्स देने वालों की संख्या 33 लाख रही है.

अब आयकर विभाग का कहना है कि अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग संदर्भ औऱ अळग-अलग तारीखो का इस्तेमाल किया गया. अब अलग-अलग आंकड़ों को लेकर आईटी विभाग की दलीलें कुछ इस तरह है.प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण के संदर्भ में इस बात पर ध्यान देना होगा कि पहली अप्रैल से लेकर 5 अगस्त के बीच कुल मिलाकर 2.79 करोड़ आईटी रिटर्न दाखिल किए गए जबकि 2016 में इस दौरान 2.23 और 2015 में 2 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए. इस तरह अतिरिक्त रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2017 में 56 लाख और 2016 में 22लाख रही.आर्थिक समीक्षा में दिए गए आंकड़ें 2016-17 और 2015-16में 9 नवंबर से 31 मार्च के बीच के आंकड़ों पर आधारित है. पिछले सालों के दौरान नए कर देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के आधार पर ही 5.4 लाख का अनुमान लगाया गया. दूसरी ओर प्रधानमंत्री के भाषण में दिया गया आंकड़ा नए और पुराने कर दाताओं को मिलाकर है. यही वजह है कि अलग-अलग आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.

  • वित मंत्री ने जिस 91 लाख नए टैक्स देने वालों का जिक्र किया, वो पूरे कारोबारी साल 2016-17 के लिए है. लिहाजा उसकी तुलना किसी और आंकड़े से नहीं की जा सकती.
  • राज्यसभा में दिए गए जवाब के बारे को लेकर आयकर विभाग का कहना है कि 9 नवंबर 2016 से 31 मार्च2017 के बीच कुल मिलाकर 1.96 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए जबकि 2015-16 में ये संख्या 1.63लाख थी. ये आंकड़ा सभी तरह के रिटर्न को लेकर है जबकि आर्थिक समीक्षा में पहली बार टैक्स देने वालों या फिर पहली बार रिटर्न दाखिल करने का आंकड़ा 5.4लाख दिया गया है.

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