दिलेर समाचार, जयपुर. राजस्थान की राजनीति के लिहाज से बड़ी खबर सामने आई है. दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई गई बैठक को रद्द कर दिया गया है. संभवत: कर्नाटक में जारी सियासी घमासान के चलते पार्टी हाई कमान ने यह महत्वपूर्ण बैठक रद्द की है. इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी आमंत्रित किया गया था. उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक के जरिये गहलोत और पायलट के बीच जारी विवाद और खेमेबाजी को खत्म करने की कोशिश की जाएगी. इस बैठक पर सभी निगाहें टिकी थीं, लेकिन इसे ऐन वक्त पर रद्द कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस की विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बुलाई गई बैठक फ़िलहाल रद्द कर दी गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीनियर लीडर्स को मीटिंग के लिए दिल्ली बुलाया था. मध्य प्रदेश से कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी बैठक के लिए बुलाए गए थे. वहीं, राजस्थान से प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को भी बुलाया गया था.
गहलोत सरकार अपनी लोककल्याणकारी योजनाओं के दम पर फिर से सत्ता हासिल करने की हुंकार भर रही है. मंहगाई राहत कैंपों के जरिये आम जनता का भरोसा जीतने की कोशिश हो रही है. 15 मई को पायलट ने जन संघर्ष यात्रा की समाप्ति पर आयोजित जलसे में गहलोत सरकार के सामने 3 मांगें रखी थीं. पहला, वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच. दूसरा, आरपीएससी को भंग किय जाए और तीसरी मांग पेपर लीक से प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की है. सरकार की ओर से पायलट की इन मांगों पर 10 दिन बाद भी कोई बयान तक नहीं आया. सीएम गहलोत जनता के बीच मिल रहे जनसमर्थन से प्रदेश के 21 जिलों का दौरा कर चुके हैं और जनता से मिल रहे फीडबैक से बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं.
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