दिलेर समाचार, गोरखपुर में बाढ़ की दहशत कम होती नजर नहीं आ रही है। बांध टूटने का सिलसिला तो जैसे जारी है। आज सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इस बीच बुधवार देर रात शहर के अहम मलौनी बांध धस गया। इससे शहर में पानी घुसने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो साल 1998 की परिस्थिति वापस हो सकती है।गोरखपुर शहर के दक्षिणी हिस्से की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मलौनी बांध पर लहसड़ी के निकट एक ही स्थान पर बांध नदी और आबादी दोनों तरफ धंस जाने से अफरातफरी मच गई। हालांकि ग्रामीणों और सिंचाई विभाग की तत्परता ने कुछ ही घंटों में हालात पर नियंत्रण पा लिया। फिलहाल यहां बांध को बचाने का कार्य जोरों पर हैतेज बारिश के बीच गोरखपुर से लहसड़ी जाते समय लहसड़ी रिंग बांध के 50 मीटर पहले 5.30 बजे सड़क में राप्ती नदी की ओर दरार पड़ गई। इसी दरार के समाने आबादी की ओर भी बांध और सड़क का हिस्सा धसने लगा। ग्रामीण सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सूचना देने की कोशिश में ही जुटे थे कि अचानक 6.30 बजे के करीब नदी की ओर की सड़क तकरीबन दो मीटर लम्बाई और एक मीटर गहराई में धंस गई। बांध में बना गढ्ढा नदी के जल स्तर के बराबर हो गया।उधर आबादी की ओर बड़ा नुकसान हुआ तकरीबन 6 मीटर लम्बाई और 3 मीटर गहराई में बांध धंस गया। इस बांध पर ड्यूटी दे रहे सिंचाई विभाग के जेई एसके गुप्ता ने कहा कि पर्याप्त सामग्री उपलब्ध करा दी गई है। श्रमिक भी उपलब्ध कराए गए हैं। ग्रामीण युवाओं की मदद से स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है। अभी फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
और बांध बचाने जुट गए युवा : लहसड़ी, बरबसपुर, सेंदुली-बेंदुली समेत आस-पास के गांव के युवा तत्काल बांध बचाने की कोशिशों में जुट गए। बांध पर ही बरबसपुर के पास हो रहे रिसाव को रोकने के लिए उपलब्ध बालू, मिट्टी और कंक्रीट भरी बोरिया लाकर गढ्ढे में डालने का सिलसिला शुरू हुआ।
सिंचाई विभाग के जेई को सुनाई खरी-खोटी : ग्रामीणों की सूचना 6 बजे बांध पर जेई एसके गुप्ता पहुंच गए लेकिन उन्हें ग्रामीणों के कोप का भाजन बनना पड़ा। इस बीच क्षेत्र के लेखपाल अनिल कुमार श्रीवास्तव, जावेद खान, जगदीश भी मौके पर पहुंच गए। लेखपालों ने उच्चधिकारियों के संज्ञान में तत्काल मामले की गंभीरता लाई जिसके बाद 7 बजे तक बांध पर दो ट्रालियों में मिट्टी, कंक्रीट और बालू भरी बोरियां पहुंच गई। बास की बनी जाली लगा कर गढ्ढे को भरने का कार्य शुरू हुआ, रात 10 बजे तक गढ्ढा भर दिया गया। इस कार्य में ग्रामीणों के साथ ठेकेकार कर्मचारियों ने भी सहयोग किया।
बड़ी संख्या में आए पहुंचे लोग : लहसड़ी बांध के धसने की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में आस-पास के दर्जनों गांव के लोग लहसड़ी पहुंचने लगे।7 बजे तक चौकी इंचार्ज एसआई धर्मेंद्र सिंह, एसआई प्रेमचंद्र यादव, सिपाही दीपक सिंह और केके यादव भी पहुंच गए।राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है। आमी ताल में करीब छह इंच पानी घट गया है लेकिन बुधवार की शाम को हल्की बारिश व तेज पछुआ हवा से पानी ही लहरें एनएच में तेजी से ठोकर मार रही है। इससे बगहाबीर बाबा मंदिर के पास करीब 50 मीटर दूरी में सड़क में कटान हो रही है। कहीं-कहीं दो फीट तक पटरी कटने के साथ बढ़ रही है।डीएम ने लिया जायजापीपीगंज।डीएम राजीव रौतेला ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के साथ शाम को पीपीगंज के बसंत बहार वाटिका में बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार हो रहे भोजन व राहत सामग्री का जायजा लिया। उन्होंने रात तक 1500 भोजन पैकेट तैयार कराने का निर्देश दिया।अचानक पहुंचे डीएम व एसएसपी को देख कर कार्य प्रभारी समेत अन्य कर्मचारी सतर्क हो गए। कमिश्नर व डीआईजी पहुंचेसहजनवा। कमिश्नर अनिल कुमार व डीआईजी नीलाब्जा चौधरी ने बुधवार की शाम राप्ती की बाढ़ से प्रभावित मटियारी व टोला कुस्महा कला में पहुंच कर पीड़ितों का हाल जाना-सुना। उन्होंने राहत सामग्रियों की जानकारी ली।
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