दिलेर समाचार, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मुनाफे वाले सहकारी बैंकों को आयकर में किसी भी तरह की छूट से इन्कार किया है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में बताया कि सहकारी बैंक भी अन्य वाणिज्यिक बैंकों की तरह ही काम करते हैं। इसलिए उन पर भी वही नियम लागू होते हैं।
एक प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा, ‘सहकारी बैंक आयकर कानून की धारा 80पी के तहत छूट के अधिकारी नहीं हैं। इस धारा में छूट का आधार ‘सहकारिता का सिद्धांत’ है, लेकिन इन बैंकों का कामकाज इससे ज्यादा व्यापक है। आयकर लाभ पर टैक्स है। लाभ में चल रहे सहकारी बैंकों को छूट देना तार्किक नहीं है।’
आइपीओ के बाद 77 कंपनियां गायब: देश में 77 कंपनियां ऐसी हैं, जो आइपीओ के जरिये पैसा जुटाकर गायब हो गईं। कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि 1992-2001 के दौरान 238 गायब हुई कंपनियों का मामला सामने आया।
जांच के बाद 161 कंपनियों का पता लगाने के बाद उन्हें सूची से बाहर कर दिया गया। 77 कंपनियां अब भी सूची में हैं। ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनके रजिस्टर्ड कार्यालय और निदेशकों का पता नहीं है। 2001 से ऐसा कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
सीए के लिए अलग नियामक के पक्ष में सरकार: सरकार एकाउंटिंग और ऑडिटिंग मानकों की समीक्षा के लिए अलग और स्वतंत्र नियामक लाना चाहती है। इस पेशे में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को भी सरकार नए नियामक के दायरे में लाने के पक्ष में है। कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी। हालांकि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) वर्तमान व्यवस्था को पर्याप्त मानता है।
ऑनलाइन फ्रॉड के 25,800 मामले उजागर: 2017 में 21 दिसंबर तक ऑनलाइन फ्रॉड के 25,800 से ज्यादा मामले सामने आए। इनमें से अकेले 10,220 मामले अकेले चालू तिमाही के हैं। क्रेडिट व डेबिट कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये इन मामलों में करीब 179 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ।
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