दिलेर समाचार, नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस के खतरे के चलते हुए ईरान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों ने मस्जिदों में होने वाली नमाज से लेकर सभी तरह के जलसे पर रोक लगा दी है. लेकिन पाकिस्तान में स्थिति ठीक इससे उलट है. पाक सरकार कट्टरपंथियों के आगे बेबस है और उनसे नाराजगी नहीं मोल लेना चाहती. पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोना वायरस से 10 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है और 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान में चल रहे टेरर कैंपों में हजारों की संख्या में आए दिन युवाओं की भर्ती की जाती है और इन युवाओं की आतंकी संगठन में भर्ती के लिए कट्टरपंथी बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऐसे वक्त में पाक सेना कट्टरपंथियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती. यही वजह है कि वो इमरान सरकार के ऐसे किसी भी फैसले का विरोध कर रही है, जिसमें मस्जिदों पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही हो.
पाकिस्तान में आए दिन तबलीगी जमात के कार्यक्रमोंं से भी कोरोना वायरस के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. पिछले हफ्ते गाजा में कोरोना वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आने से हड़कंप मच गया. जब गाजा के अधिकारियों ने इसकी पड़ताल की, तो पता चला कि दोनों व्यक्ति पाकिस्तान से वापस लौटे हैं जो वहां तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसी मार्च महीने में लाहौर के रायविंड इलाके में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमें करीब 80 देशों के मुस्लिम मौलाना भी शामिल हुए थे.
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