दिलेर समाचार, मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार रात 8 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों को कोरोना वायरस पैनडेमिक के खतरे के बारे में बताया. पीएम ने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की और साथ ही लोगों से हाथ जोड़कर अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की भी अपील की. लेकिन प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ घंटे बाद ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में शरारती तत्वों एक अजीबोगरीब अफवाह को हवा दे दी.
आधी रात को लोग अपने नाते-रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों फोन कर कहने लगे, 'जाग जाओ नहीं तो पत्थर के बन जाओगे.' यह अफवाह पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में 'जंगल की आग' की तरह फैल गई. जिन लोगों को फोन आए उनमें से कुछ ने बताया कि उनसे कहा गया, 'सब जाग जाओ नहीं तो पत्थर के बन जाओगे और सोते रह जाओगे.'
पुलिस ने लोगों को अफवाहों से बचने के लिए समझाना शुरू किया
बागपत, मेरठ, बिजनौर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऐसी अफवाहों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी. इसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और लोगों को इस अफवाह पर ध्यान नहीं देने के लिए समझाया. मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने मोर्चा संभाला. ऐसी अफवाह कहां से फैली और इसके पीछे कौन शामिल थे इसके बारे में पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है.
पुलिस अधिकारी लोगों को समझाने में लगे रहे कि यह सब अफवाह है और लोग इन बातों पर ध्यान नहीं दें. पुलिस ने लोगों से अपील की कि डरने की कोई जरूरत नहीं और साथ ही हिदायत दी कि अगर कोई इस तरह की अफवाह फैलाएगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि ऐसी शरारतपूर्ण हरकत करने वाले जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे. साइबर सेल इसकी जांच कर रही है.
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