दिलेर समाचार, अहमदाबाद. गुजरात (Coronavirus in Gujarat) स्थित अहमदाबाद में 1,200 बेड को कोविड अस्पताल के बाहर 60 वर्षीय एक बेबस मां पूनम सोलंकी अपने मर चुके बेटे के इंतजार में अब भी उसी जगह आ जाती है, जहां उनकी बेटे से आखिरी बार बात हुई थी. उसे यकीन नहीं होता कि 6 महीने पहले बीते साल सितंबर में उसके 30 वर्षीय बेटे महेंद्र की मौत हो गई है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पूनम के बेटे की मौत 24 सितंबर 2020 को ही हो गई थी.
पूनम सिविल अस्पताल में पहुंचकर फोन लगाकर कहती हैं, 'कैसे हो बेटा? क्या वो आपको अच्छा खाना दे रहे हैं? मैं तुम्हारे स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रही हूं.' करीब पांच मिनट तक चली कॉल कट जाती है. कई लोगों को लगता है कि पूनम भी अपने किसी प्रियजन का हाल ले रही है, लेकिन हकीकत यह नहीं है.
रिश्तेदार ने बताया कि पूनम को इस बात की जानकारी है कि महेंद्र अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन कई बार वह सदमे में चली जाती हैं और अपने बेटे से मिलने के लिए अक्सर ही सिविल अस्पताल आ जाती हैं. रिपोर्ट के अनुसार रिश्तेदार ने कहा कि 'महेंद्र नारोल में एक दूध पार्लर चलाता था. संक्रमण के कारण मौत से पहले लगभग 5-6 दिन पहले महेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह अपनी मां के बहुत करीब थे. वह जानती है कि उसका बेटा अब नहीं है, लेकिन कई बार वह इस बात को भूल कर अपने बेटे से मिलने अस्पताल आ जाती हैं.'
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