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इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाठ्यक्रम को प्राथमिक शिक्षा स्तर पर अमल में लाया जाएगा व इसके लिए धन वितरण का काम भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करने के अलावा इसमें मोटापे से निपटने के लिए शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता, कुछ मापदंडों का नियमित माप व स्वस्थ आहार आदि जैसे व्यावहारिक पहलुओं के महत्व को भी रेखांकित किया जाएगा।
आगे उन्होंने बताया कि शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे छात्रों को मोटापे से बचने के लिए योग करने के लिए प्रेरित करें। ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर जैसे कुछ मापदंडों की निगरानी के लिए यह अति आवश्यक है। कम उम्र में शरीर का वजन अधिक होना बीमारियों को आमंत्रण देना जैसा है।
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ऐसे में यह निर्धारित किया गया है कि मोटापे को कम करने व योग के लिए छात्रों को प्रेरित करने के बाबत राज्य सरकार की ओर से विशेष रुप से पाठ्यक्रम को प्राथमिक शिक्षा स्तर पर अमल में लाया जाएगा। इससे जागरुकता के साथ ही स्वास्थ संबंधी समस्या का काफी हद तक समाधान भी सुनिश्चित हो सकेगा। इसके इतर उन्होंने बताया कि शिक्षक सही तरीके से छात्रों को हैंडल करे इसके लिए चिकित्सकों द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कलों को इसके लिए 3,000 रुपये, उच्च प्राथमिक स्कलों को 7,000 रुपये व माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों को 10,000 रुपये दिए जाएंगे।
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