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March 28 2024 07:44 PM

चक्रवात तितली : मृतकों की संख्या 27 तक पहुंची, राहत कार्य तेज

Posted at: Oct 16 , 2018 by Dilersamachar 9701

दिलेर समाचार, ओडिशा में सोमवार को तीन और शव मिलने के बाद चक्रवात तितली और उसके बाद आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 पर पहुंच गई है। राहत एवं बचाव गतिविधियां तेज कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि गजपति जिले के रायगडा मंडल में तीन और शव बरामद किए गए।

चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित गजपति जिले का दौरा करने वाले मुख्य सचिव ए पी पाधी ने कहा, ‘‘रायगडा मंडल में भूस्खलन की घटना में 18 लोगों की मौत हो गई। शवों का पोस्टमार्टम किया गया।’’

गजपति से लौटते समय पाधी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में एक समीक्षा बैठक में भाग लिया। बैठक में जिले में प्रभावित हर परिवार को 50 किलोग्राम चावल, ढाई लीटर केरोसिन और एक हजार रुपये नकद देने का फैसला लिया गया।

पाधी ने कहा कि गजपति और गंजाम जिलों समेत राज्य के कई हिस्सों में स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि भोजन वितरण कार्य मंगलवार से शुरू किया जाएगा।

जिन लोगों के मकान चक्रवात और बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें पॉलीथीन शीट दी जा रही हैं। गजपति के सभी मंडल मुख्यालयों तक बिजली की आपूर्ति मंगलवार शाम तक बहाल कर दी जाएगी।

इस बीच, भाजपा, कांग्रेस और माकपा समेत विपक्षी दलों ने दावा किया कि राज्य सरकार मृतकों के असली आंकड़ों को छिपा रही है।

ओडिशा भाजपा के महासचिव भृगु बक्शीपात्रा ने कहा, ‘‘कल तक नवीन पटनायक सरकार किसी भी मौत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थी जबकि अकेले गजपति जिले में ही 20 पोस्टमार्टम किए जा चुके हैं। सरकार झूठ बोल रही है और छिपा रही है। हमारे पास अभी तक 25 मृतकों के नाम हैं और हम अन्य नाम भी एकत्रित कर रहे हैं। जब सभी नाम मिल जाएंगे तो हम मीडिया के सामने इसका खुलासा करेंगे।’’

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘राज्य में हमारी पार्टी के पास राज्य सरकार के आंकड़ों से ज्यादा मौतों की जानकारी है।’’

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब 45 लोग पहले ही मारे जा चुके हैं और लोग मर रहे हैं तथा खाने के लिए भोजन नहीं है तो एक भी व्यक्ति के ना मारे जाने का दावा करके ओडिशा सरकार ने राज्य की जनता को धोखा दिया है।’’

इस बीच सोमवार सुबह मुंडली के समीप महानदी नदी पार करते समय अपने झुंड से बहकर दूर चले जाने वाले पांच हाथी बाद में सुरक्षित तैरकर आ गए। इनमें हाथी के दो बच्चे भी शामिल हैं।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कटक शहर के बाहरी इलाके में नराज बैराज के समीप पांचों हाथी सुरक्षित तैरकर आ गए।

उन्होंने बताया कि पांच घंटे की मशक्कत के बाद पशुओं को जंगल में अपना रास्ता मिला। 

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