दिलेर समाचार, वैज्ञानिकों ने हृदयघात के बाद दिल के ऊतकों को दोबारा विकसित कर सकने में सक्षम एक नया उपचार खोज निकाला है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह उपचार मरीजों में दिल की धड़कन रूकने की समस्या को रोकने में मददगार हो सकता है. Heart attack, हृदयाघात के वक्त दिल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और हृदय की मासपेशियों को नुकसान पहुंचता है. खत्म हो चुकी और खत्म होने जा रही कोशिकाओं को हटाने के लिए प्रतिरोधक कोशिकाओं को भेजा जाता है, लेकिन ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो चुके हृदय में जा कर जलन पैदा कर देती हैं और यह स्थिति दिल की धड़कन रूकने का कारण बन सकती है.
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड’ के शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहों में हृदयघात के बाद वीईजीएफ-सी नामक प्रोटीन इंजेक्शन से दिए जाने के बाद, क्षतिग्रस्त हो चुकी हृदय की मासपेशियों की कोशिकाओं में काफी कमी आ गई. साथ ही इसने हृदय को रक्त की आपूर्ति करने के लिए पूरी तरह से ठीक कर दिया.
इसकी तुलना में जिस चूहे को उपचार नहीं मिला, उसके लगभग आधे हृदय ने काम करना बंद कर दिया. पत्रिका ‘ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन’ में छपे अध्ययन के मुताबिक, अतिरिक्त लिम्फेटिक वाहिकाओं ने प्रतिरोधी कोशिकाओं को मृत अथवा मृत हो रही कोशिकाओं की मरम्मत करने तथा हटाने में मदद की
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