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दिल्ली : नगर निगम के इस स्कूल में बच्चे हिन्दू-मुसलमान हो गए!

Posted at: Oct 10 , 2018 by Dilersamachar 10107

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: क्या आपने कभी सुना है कि किसी स्कूल में बच्चों को उनके मजहब के आधार पर बांट दिया जाए और हिन्दू मुस्लिम बना दिया जाए? दिल्ली के वजीराबाद इलाके के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूल में प्रिंसिपल ने यही काम किया है. प्रिंसिपल ने हिन्दू बच्चों के अलग और मुसलमान बच्चों के अलग सेक्शन बना दिए हैं.

पहली से पांचवी तक के स्कूल में कुल 17 सेक्शन हैं जिसमें से 9 सेक्शन में बच्चे मिले-जुले हैं जबकि आठ में साफ तौर पर मजहब के आधार पर बंटे हुए हैं. स्कूल के प्रिंसिपल का दावा है कि बच्चे बांटे तो गए, लेकिन हिन्दू-मुसलमान कैसे हो गए इसका कोई जवाब नहीं.

स्कूल के प्रिंसिपल चंद्रभान सिंह सहरावत ने कहा कि ' हमने बच्चों को अलग-अलग सेक्शंस में बांटा जरूर है लेकिन इसके पीछे धर्म कोई आधार नहीं है और न ही ऐसी कोई सोच है. यह बंटवारा रेंडमली किया गया है.'


स्कूल में एनडीटीवी इंडिया ने पाया कि यहां पढ़ने वाले नन्हे बच्चे भी इतनी छोटी उम्र में ही हिंदू-मुसलमान होने का मतलब जान गए हैं. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को यह तो नहीं पता कि कौन सी क्लास हिंदू बच्चों की है, कौन सी मुस्लिम बच्चों की और कौन सी मिले-जुले बच्चों की, लेकिन उनको अपनी क्लास के बारे में जरूर पता है कि उनकी क्लास में कितने हिंदू हैं या कितने मुस्लिम हैं या उनकी क्लास सिर्फ हिंदुओं की है या मुस्लिमों की. जिम्मा संभालते ही ऐसा किया जिस पर उन्होंने ही नही दूसरे टीचरों ने भी आपत्ति की थी. सकेन्द्र कुमार के मुताबिक 'सब टीचरों ने उनसे बोला कि आप किस आधार पर सेक्शन डिवाइड कर रहे हैं. तो उन्होंने कहा कि मेरा स्पेशल मामला है ये. मेरा अधिकार है, मैं जैसे चाहूं कर सकता हूं. आप नहीं पूछ सकते. आप को पढ़ाने से मतलब है.'

गुरु की महिमा हमारे यहां कुछ यूं बताई गई है कि 'गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दियो बताए.' यानी गुरु और भगवान दोनों इकट्ठे आपके सामने आकर खड़े हो जाएं तो पहले गुरु के चरण स्पर्श कीजिए भगवान के नहीं, क्योंकि गुरु ही है जो भगवान के बारे में बताता है. अब इस घटना के बाद सोचना पड़ रहा है कि अगर इतना पढ़-लिखकर भी और बच्चों को पढ़ाने के बाद भी यही सब करना था तो फिर पढ़ने की जरूरत क्या थी.

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