दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) शहर की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था (Night Economy) को बढ़ावा देने के लिए उदार नीतिगत कदम उठाने पर विचार कर रही है ,ताकि खान-पान और आतिथ्य क्षेत्र में आरामपूर्वक कामकाज हो सके. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट में ‘क्लाउड किचन’ के लिए भूमि उपलब्ध कराने, प्रमुख खाद्य केंद्रों का पुनर्विकास और राष्ट्रीय राजधानी में एक खाद्य ट्रक नीति लाने जैसे उपायों की घोषणा की.
दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति के तहत होटल, क्लब और रेस्तरां में बार को देर रात तक खुले रहने की अनुमति देने सहित आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने की भी योजना है. दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”हमने रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें शहर में ‘फूड ट्रक पॉलिसी’ और ‘फूड हब’ विकसित करना शामिल है. इस संबंध में आने वाले दिनों में कई अन्य पहल की जाएंगी.”
उन्होंने कहा कि खाद्य ट्रक, रेस्तरां और फिल्म नीतियां भी राष्ट्रीय राजधानी में ‘नाइटलाइफ’ को बढ़ावा देंगी. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने अपने क्षेत्रीय मसौदा योजना 2041 में दिल्ली से सटे राज्यों को इसके लिए सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करके रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया है.
वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि दिल्ली की जीडीपी में 50 फीसदी तक वृद्धि हुई है. इस बात की पुष्टी खुद उपराज्यपाल अनिल बैजल (Lieutenant Governor Anil Baijal) ने की थी. उन्होंने दिल्ली की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्थिति में होने का जिक्र करते हुए बुधवार को विधानसभा (Assembly) में अपने संबोधन में ये बात कही. अनिल बैजल ने कहा कि वर्ष 2016-17 के बाद पांच वर्षों में दिल्ली के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. उपराज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी के कारण 2020-21 में दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा था. बैजल के संबोधन की शुरुआत में भाजपा सदस्यों ने फिल्म ”द कश्मीर फाइल्स” को कर-मुक्त किए जाने की मांग उठायी जिससे व्यवधान उत्पन्न हुआ.
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