दिलेर समाचार, नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का धरना आठ दिनों से एलजी हाउस पर जारी है. वहीं इस धरने पर हाइकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट ने कहा है कि समझ नहीं पा रहे ये धना है या हड़ताल है. इतना ही नहीं कोर्ट ने पूछा है कि इस हड़ताल की इजाजत किसने दी. कोर्ट ने पूछा है कि क्या LG हाउस में बैठना मान्य है? और इस संकट का समाधान ज़रूरी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की हड़ताल पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील से पूछा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ये क्या है धरना या हड़ताल है?
2- इस धरने या हड़ताल के लिए किसने अनुमति दी या उन्होंने खुद ही ये फैसला लिया.
3- धरने या हड़ताल का फैसला उनका व्यक्तिगत था या कैबिनेट का सामूहिक फैसला लिया.
4- वहां बैठना क्या मान्य है ?
5- वो किसके ऑफिस में बैठे हैं?
6- क्या वो हड़ताल के लिए बाहर बैठे हैं?
7- जैसे ट्रेड यूनियन अपनी मांगों को लेकर बाहर हड़ताल करती हैं क्या ये वैसे हड़ताल है?
8- क्या एलजी हाउस में बैठने के लिए एलजी की अनुमति है?
हाईकोर्ट ने कहा ने कहा है कि इस मुद्दे का समाधान निकालना जरूरी है. कोर्ट ने इस मामले में IAS एसोसिएशन को भी पार्टी बनाया है. वहीं बिजेंद्र गुप्ता, प्रवेश वर्मा, सिरसा, कपिल मिश्रा ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट ने इस याचिका को इस मामले के साथ जोड़ लिया है और सारी याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को होगी. वहीं गृहमंत्रालय और पीएमओ के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि IAS अफसर हड़ताल पर नहीं हैं.
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