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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को अग्रिम जमानत दी

Posted at: Jul 5 , 2018 by Dilersamachar 9792

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: सुनंदा पुष्कर मौत मामले (Sunanda Pushkar death case)में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को अग्रिम जमानत दी दी है. हालांकि, कोर्ट ने शशि थरूर को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है. यानी शशि थरूर को एक लाख रूपये कोर्ट के समक्ष जमा करने होंगे. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि शशि थरूर बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते. बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को अर्जी दाखिल की थी. बुधवार को कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था और जांच एजेंसी ने इस याचिका का विरोध किया था. 
इस मामले मे थरूर को पहले ही बतौर आरोपी समन किया जा चुका है. मजिस्ट्रेट अदालत आत्महत्या के लिए उकसाने और सुनंदा पुष्कर को प्रताड़ित करने के कथित अपराधों में बतौर आरोपी थरूर को समन कर चुकी है. अदालत ने पांच जून को थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था. सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या क लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं. 

शशि थरूर ने वकील विकास पाहवा के माध्यम से दायर अर्जी में कहा था कि गिरफ्तारी के बिना ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है तथा एसआईटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गयी है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है. पाहवा ने कहा, ‘‘कानून एकदम स्पष्ट है, यदि गिरफ्तारी के बिना आरोपपत्र दाखिल हो गया है तो जमानत मिलनी चाहिए. हमने सिर्फ संरक्षण की मांग की है ताकि वह सात जुलाई को अदालत में पेश हो सकें’’. 
टिप्पणियां सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या क लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं. करीब 3000 पन्नों के आरोपपत्र में पुलिस ने थरूर को एकमात्र आरोपी बताते हुए आरोप लगाया है कि वह अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते थे.  दंपति का घरेलू सहायक नारायण सिंह इस मामले में मुख्य गवाह है. धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल कैद जबकि 306 के तहत अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है. दिल्ली पुलिस ने सुनंदा की मौत के सिलसिले में एक जनवरी , 2015 को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार, आरोपपत्र में कहा गया है कि सुनंदा को मानसिक और शारिरिक दोनों रूपों में प्रताड़ित किया जाता था. 

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