दिलेर समाचार, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बदतर होता जा रहा है। गुरुवार सुबह लोधी रोड़ पर हवा में पीएम 2.5 का स्तर 214 पर था वहीं पीएम 10 का स्तर 283 पर था। हर रोज और जहरीली हो रही दिल्ली की हवा को बेहतर करने की कवायदें जारी हैं। इस बीच आज फिर इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई हुई।
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध जारी रखा है। सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि लोगों को प्रदूषण के बारे में जागरूक करने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर सोशल मीडिया अकाउंट बना दिए गए हैं और इस पर 18 शिकायतें भी आ चुकी हैं।
इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के बारे में मीडिया के माध्यम से लोगों को बताएं। साथ ही बोर्ड ने कोर्ट को यह भी बताया कि राजधानी में जो 10-15 साल पुराने वाहन हैं वो एनजीटी और प्रदूषण बोर्ड के आदेशों का अनुपालन करते हैं।
इससे पहले हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने पुराने वाहन जब्त करने का आदेश दिया था। 29 अक्टूबर को हुई सुनवाई में दिल्ली एनसीआर में खतरनाक होते वायू प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त आदेश दिए थे। कोर्ट ने एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को तत्काल प्रतिबंधित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग से कहा था कि 10 साल पुराने डीजल और पंद्रह साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त करें। यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि ऐसे वाहनों की सूची वेबसाइट पर डाली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली परिवहन विभाग से कहा है कि वह प्रदूषण संबंधी शिकायतों के लिए कोई सोशल मीडिया अकाउंट क्यों नहीं बनाते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी द्वारा 2015 में दिए गए उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें कहा गया था कि 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
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