Logo
December 3 2023 04:34 PM

नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन

Posted at: Dec 10 , 2019 by Dilersamachar 9609
दिलेर समाचार, नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ छात्र संगठनों की तरफ से संयुक्त रूप से बुलाया गया 11 घंटे का बंद मंगलवार सुबह पांच बजे शुरू हो गया है. पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने इस विधेयक के खिलाफ शाम चार बजे तक बंद का आह्वान किया है. कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है. इस बंद के आह्वान के मद्देनजर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नगालैंड में चल रहे हॉर्नबिल महोत्सव की वजह से राज्य को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है. पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों को डर है कि इस बिल के बाद बाहर से आए लोगों के प्रवेश से उनकी पहचान और आजीविका खतरे में पड़ सकती है. इस विधेयक के खिलाफ क्षेत्र के विभिन्न संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस, एआईयूडीएफ, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन, खासी स्टूडेंट्स यूनियन और नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन जैसे संगठन बंद का समर्थन करने के लिए एनईएसओ के साथ हैं। गुवाहाटी विश्वविद्यालय और डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय ने कल होने वाली अपनी सभी परीक्षाएं टाल दी हैं.

ये भी पढ़े: दिल्ली की किराड़ी फर्नीचर मार्केट में लगी आग

क्या है विधेयक में प्रावधान

नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है. लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के बाद इसके पक्ष में सोमवार को 311 और विरोध में 80 मत पड़े, जिसके बाद इसे निचले सदन की मंजूरी मिल गई.

ये भी पढ़े: क्या भारतीय जवानों को हनीट्रैप में फंसाने का प्रयास कर रही ISI?

इनर लाइन परमिट की वजह से मणिपुर में स्थगित हुआ आंदोलन

गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के दायरे में लाने की बात कहने के बाद राज्य में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे द मणिपुर पीपल अगेंस्ट कैब (मैनपैक) ने सोमवार के अपने बंद को स्थगित करने की घोषणा की. 

अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में लागू नहीं होगा विधेयक

यह विधेयक अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में लागू नहीं होगा जहां आईएलपी व्यवस्था है इसके साथ ही संविधान की छठी अनुसूची के तहत शासित होने वाले असम, मेघालय और त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्र भी इसके दायरे से बाहर होंगे. 

क्या है इनलाइन परमिट यानी 'आईएलपी'

इस नियम को ब्रिटिश सरकार ने बनाया था और आजादी के बाद इसमें कई फेरबदल भी किए गए. इसमें प्रमुख से दो बातें हैं, इसमें पहला प्रावधान आईएलपी और दूसरा नौकरी, रोजगार के लिए.

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED