दिलेर समाचार,ललिता, नई दिल्ली। जहां एक और करोना तथा ब्लैक फंगस की महामारी भारत से जाने का नाम नहीं ले रही वहीं भारत में ताऊते के बाद अब यास तूफान का कहर बरस रहा है। यास तूफान ने, जिसका नाम ओमान के द्वारा दिया गया था, 21 मई 2021 से भारत में प्रवेश किया। यह तूफान बंगाल की खाड़ी से उठने वाला एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है।
जैसा कि मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले ही उड़ीसा और बंगाल जैसे राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया था चक्रवाती तूफान यास का सबसे बड़ा प्रभाव उड़ीसा और बंगाल में ही देखने को मिला। बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवात ने करीब सुबह 9:00 बजे ओडिशा और बंगाल में आकर रौद्र रूप धारण किया। यह तूफान बालासोर के दक्षिण में 130 - 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया।यह तूफान धामरा बंदरगाह और बालासोर के बीच से गुजरा और और बहुत से इलाकों को प्रभावित किया। बंगाल में कई घरों में पानी भर गया तथा कई पेड़ गिर गए। दीघा में बाढ़ जैसे हालात बन गए। उड़ीसा के विशेष राहत आयुक्त (एस आर सी) पी के जेना ने बताया कि बृहस्पतिवार तक परिस्थितियां विषम रहेंगी।
चक्रवात यास के कारण पश्चिम बंगाल में नदियों में जलस्तर बढ़ गया जिसके कारण तटीय ज़िलों जैसे मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में पानी भर गया तथा बाढ़ जैसे हालातों ने जन्म ले लिया। मेदिनीपुर दीघा तथा मंदारमनी तथा दक्षिण में 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए। हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण तटीय बांध टूट गए और कई गांव और कस्बों में पानी भर गया।
मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा गुरुवार को 22 मई को बंगाल तथा उड़ीसा जैसे राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया गया था। इसके लिए बंगाल और ओड़िशा में एनडीआरएफ के 101 दल तैनात किए गए थे। ओडिशा और बंगाल की ट्रेनें रद्द करने के साथ-साथ हवाई उड़ानें भी रद्द कर दी गई। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यास तूफान के तांडव को देखते हुए बिहार समेत कई राज्यों में जब अलर्ट जारी किया गया तो सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से 12 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहले ही पहुंचा दिया था।
चक्रवात को लेकर बिहार में 3 दिनों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि वहां पर बजा बचाव के सभी प्रबंधन किए जा सके। इसके साथ ही पटना और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश बताई गई है। स्रोतों के अनुसार बिहार में पटना और झारखंड तथा इसके आसपास के इलाके मुख्य केंद्र हो सकते हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद समीक्षा करेंगे।
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