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हिरासत में लिया गया Rotomac कंपनी का मालिक विक्रम कोठारी

Posted at: Feb 20 , 2018 by Dilersamachar 9768

दिलेर समचाार, नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति एवं रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई की टीम ने सोमवार सुबह कानपुर के तिलकनगर स्थित विक्रम कोठारी के आवा पर छापेमारी की। विक्रम कोठारी के रोटोमेक समूह पर कुल 3695 करोड़ रुपए की देनदारी है।
इसके बाद ईडी की तीन टीमें और आयकर की टीमें भी मौके पर पहुंची। सीबीआई टीम ने कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। उनकी सभी चल और अचल संपत्ति के कागजों की पडताल की जा रही है। फिलहाल सभी कागजों को सीबीआई और आयकर विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले रखा है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रोटोमैक मामले में षड्यंत्रकारियों ने 7 बैंक के एक कंसोर्टियम को 2919 करोड़ रुपये (मूलधन) के लिए बैंक ऋण बंद करने के लिए धोखा दिया। इसमें इन ऋणों की ब्याज देयताएं शामिल नहीं हैं। मैसर्स रोटोमाक के लिए बकाया राशि, रु 3695 करोड़ है।
रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी को तिलकनगर स्थित घर में ही हिरासत में रखा गया है। टीम में लखनऊ से सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव श्रीवास्तव और उनकी टीम शामिल है। आवास पर छापा मारने के साथ ही टीम ने कंपनी के सिटी सेंटर मॉल रोड स्थित ऑफिस और पनकी स्थित रोटोमैक फैक्ट्री पर भी छापे की कार्रवाई की। सीबीआइ और ईडी ने एक-एक कागजात अपने कब्जे में लिए हैं।
उनकी जांच कर रही है। इसके अलावा घर के सभी कीमती सामान और संपत्तियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। कोठारी परिवार के बिजनेस से जुड़े लैपटॉप, कम्प्यूटर की भी जांच की जा रही है। परिजनों के मोबाइल फोन को भी कब्जे में लिया गया है। सीबीआई ने कारोबारी विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना और राहुल को भी लोन डिफ़ॉल्ट केस में आरोपी बनाया है। इसके अलावा बैंक कर्मचारियों और अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। कानपुर में विक्रम कोठारी के कई ठिकानों पर सीबीआई और ईडी की छापेमारी जारी है। सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे के पासपोर्ट को भी जब्त कर लिया है।
विक्रम कोठारी के खिलाफ सीबीआई ने नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज की है। बैंक आफ बड़ोदा की कानपुर रीजनल मैनेजर ने विक्रम कोठारी के खिलाफ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाया है। कोठारी ने बैंक आफ बड़ोदा से लोन लिया था। लोन लेने के बाद उन्होंने न तो मूलधन चुकाया और न ही उसका ब्याज बैंक को दिया। विक्रम कोठारी के वकील शरद कुमार विरला ने बताया कि यह लोन डिफ़ॉल्ट का मामला है न कि बैंक फ्रॉड का। विक्रम कोठारी पर 3700 करोड़ रूपये अलग- अलग बैंकों से लोन लेकर डकारने का आरोप है। सीबीआई की टीम ने कोठारी के घर से 17 फाइलें जब्त की है।
सीबीआई और ईडी के छापे के बाद आयकर विभाग भी थोड़ी देर पहले मॉल रोड स्थित सिटी सेंटर आफिस पहुंची। छापे के दौरान लखनऊ से सीबीआई के एसपी राघवेंद्र सिंह भी आए लगभग आधे घंटे अंदर रुकने के बाद वह वापस चले गए उन्होंने फिलहाल किसी गिरफ्तारी से इनकार किया है और कहा है कि शाम तक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सीबीआइ के सूत्रों के मुताबिक विक्रम कोठारी को हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर शाम तक दिल्ली या लखनऊ ले जाया जा सकता है।
इधर छह बैंकों की कंसोर्टियम बनाकर कोठारी ग्रुप को लोन देने के मामले में स्थानीय बैंक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और हेड आफिस से मामला डील होने की बात की। इस कंसोर्टियम में बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनियन बैंक शामिल हैं।

 

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