दिलेर समाचार, शास्त्रों के अनुसार इंसान मरता है लेकिन उसकी आत्मा अमर होती है, आत्मा अलग-अलग रूप धारण कर पृथ्वी पर निवास करती है। लेकिन इसके बाद भी इंसान को पूर्व जन्म के बारे में कुछ याद नहीं रहता है। आखिर कैसे इंसान अपने पूर्व जन्म के बारे में सब कुछ भूल जाता है।
हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार के समय कपाल क्रिया की जाती है। शव को मुखाग्नि देने के करीब आधे घंटे बाद जब शव की चमड़ी और मांस का ज्यादातर भाग जल चुका होता है, तब एक बांस में लोटा बांधकर शव के सिर वाले हिस्से में और घी डाला जाता है।जिससे की सिर का कोई हिस्सा जलने से न बच जाए। इसे कपाल क्रिया कहते हैं। माना जाता है कि अगर सिर या दिमाग का कोई हिस्सा जलने से रह जाए तो इंसान को अगले जन्म में पिछले जन्म की बातें याद रह जाती हैं। इसीलिए इसे अच्छी तरह से जलाया जाता है। अगर पिछले जन्म में इंसान की मृत्यु किसी दुखद कारण की वजह से हुई है तो नए जन्म में उसको याद रखने से मनुष्य फिर दुःखी हो जाएगा और लगातार उसके दिमाग में पूर्व जन्म की बातें और अपने करीबियों का दुःख घूमता रहेगा।
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