अशोक गुप्त
दिलेर समाचार, सृष्टि के प्रारम्भ से ही मनुष्य दीर्घ जीवन के रहस्य जानने का प्रयास करता रहा है। यह संसार कुछ ऐसा आकर्षण लिए हुए है कि कोई गरीब, भिखारी, अंधा या दूसरों पर मोहताज व्यक्ति भी यह दुनियां छोड़कर नहीं जाना चाहता।
दुनियां के सभी देशों में इस विषय में समय-समय पर खोज होती रही है। आखिर क्यों कोई व्यक्ति 103 वर्ष की आयु में भी स्वस्थ रहता है और बाइसवीं शादी रचाता है और क्यों कोई 25-30 वर्ष की आयु में दिल के दौरे का शिकार होकर संसार से कूच कर जाता है। आखिर यह क्या है जो अच्छा स्वास्थ्य और लम्बी आयु प्रदान करता है।
विश्व में कई ऐसे स्थान हैं जहां रहने वालों की आयु असाधारण रूप से लंबी होती है। वैज्ञानिकों ने इन स्थानों के रहने वालों और उन लोगों की जिनकी आयु असाधारण रूप से अधिक रही है, की आदतों के अध्ययन से कुछ निष्कर्ष निकाले हैं। ये सिद्धान्त हम नीचे दे रहे हैं ताकि आप भी इनको अपने जीवन में ढाल कर लंबी आयु पा सकें:-
फ् अपने घर को सदा पूरी तरह हवादार रखिये। स्वच्छ वायु, स्वस्थ शरीर हेतु बहुत आवश्यक है।
फ् कुछ समय घर से बाहर अवश्य बितायंे। खेलकूद व मनोरंजन मानसिक तनाव को कम करता है और शरीर में स्फूर्ति बनाये रखता है।
फ् यदि संभव हो तो रात्रि को बाहर ही सोयें।
फ् सांस सदैव गहरी लें। गहरी सांस से फेफड़ों के हर कोने को आक्सीजन मिलती है और फेफड़े स्वस्थ बने रहते है।
फ् कभी भूख से अधिक न खायें। प्रायः स्वाद के चक्कर में हम भूख से अधिक खा जाते हैं। यह अतिरिक्त भोजन मोटापा लाता है, पाचन क्रिया खराब करता है और कई बीमारियां पैदा होती हैं। इसके अतिरिक्त भोजन धीरे व अच्छी तरह चबाकर खायंे। कहीं ऐसा न हो कि दांतों का कार्य पेट को करना पड़े। यूं भी भोजन कम चबाने से अधिक भोजन किया जाता है।
फ् शौच नित्य जायें। संभव हो तो सुबह व शाम, कम से कम दो बार शौच जायें। सप्ताह में एक बार आंतें साफ करने के लिए गुनगुने पानी का एनिमा भी लें।
फ् मांस व मिर्च मसाले कम खायें।
फ् सीधे बैठें, सीधे खड़े हां और सीधे चलें। कमर झुका कर न चलें।
फ् अपने दांत व जीभ प्रतिदिन दो बार साफ करें। प्रातः व रात्रि सोने से पहले।
फ् यथासंभव जहरीले पदार्थों व बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं से दूर रहें।
फ् अपनी क्षमता से अधिक कार्य न करें। जब थक जायें तो थोड़ा आराम करें। अपने शरीर की आवश्यकतानुसार 7 से 9 घंटे की नींद अवश्य लें।
फ् यदि हम इन सिद्धांतों पर नियमपूर्वक चल सकें तो कोई कारण नहीं कि हम दीर्घायु प्राप्त न कर सकें।
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