दिलेर समाचार, एटीएम का पूरा नाम सब लोग जानते है वो है -ऑटोमेटेड टेलर । टेलर शब्द जो है वो सामान्यत कलर्क या केशियर जो होता है उसे इंगित करता है । चूँकि हर एक अविष्कार जो होता है उसकी आवश्कता उसकी जनक होती है । उसी तरह एटीएम की जरुरत पश्चिम देशो में तब पड़ी जब उन लोगो या वित्तीय संस्थाओं को कैश संबधी काम निपटाने वाले कर्मचारिओं की वेतन बढाने की मांग और वैल स्किल्ड लोगों की कमी के चलते संस्थाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था ।
वैसे भी एटीएम के बाद विभिन्न व्यवसायों में सेल्फ सर्विस की अवधारणा को बल मिला है साथ ही ग्राहक के लिए भी अब आदान प्रदान पहले से कंही सुविधा जनक हो गया है क्योंकि उन्हें कैश निकलवाने के लिए किसी बाबू या कर्मचारी पर निर्भर नहीं होना पड़ता है साथ ही किसी तरह की कागजी करवाई भी नहीं करनी होती है ।
एटीएम का आविष्कार – इसके आविष्कार का श्रेय ‘लूथर जार्ज सिमियन’ नाम के एक अमेरिकी नागरिक को जाता है । उसने 1939 में ही एटीएम की अवधारणा वाली मशीन तैयार कर ली थी जिसका नाम उसने ‘बैंक मेटिक’ रखा था लेकिन उसके काफी प्रयासों के बाद भी कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था इसके इस्तेमाल के लिए तैयार नहीं हुई क्योंकि उस समय में भी बैंक पैसे के लेन देन को काफी संवेदनशील मामला मानते थे और ऐसे भी पैसे को किसी मशीन के भरोसे छोड़ने को उन्होंने स्वीकार नहीं किया । ये एक बड़ा जोखिम था लिहाजा कोई भी बैंक इसके इस्तेमाल को तैयार नहीं हुआ । इसके बाद भी लूथर ने हिम्मत नही हारी और लगातार इसके विकास में उसने अपनी जिन्दगी के 21 साल लगातार खर्च किये जिसके बाद उसने ‘जून 1960’ में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया । और फरवरी 1960 को उसे इसका पेटेंट मिल भी गया ।
एटीएम का चलन – लूथर ने इसी समय में न्यूयार्क के एक बैंक जिसे आज के ‘सिटी बैंक ‘ के नाम से जाना जाता है को अपनी बनायी मशीन के प्रयोग के लिए राजी भी कर लिया लेकिन उसके बाद भी यह उतनी लोकप्रिय नहीं हो पाई क्योंकि लोग उस समय किसी मशीन से कैश निकालने की जगह बैंक से ही पैसे निकालने में अधिक सहज महसूस करते थे । लेकिन थोड़े समय बाद जापान में जब ‘क्रेडिट कार्ड ‘ प्रचलन में आया तो लोगो अब ऐसी मशीन की जरुरत महसूस होने लगी थी । जापान में 1966 में ऐसी ही एक मशीन लगायी गयी जिसे ‘Cash dispenser’ के नाम से जाना गया जो समय के साथ बहुत लोकप्रिय हो गयी और कुछ समय बाद यानि के कुछ एक साल बाद ही लन्दन के एक बैंक ने ऐसी ही मशीन लगाने की घोषण करदी । इस तरह अन्य देशो में भी धीरे धीरे एटीएम मशीन को लेकर जागरूकता और जानकारी बढ़ी और यह प्रचलंन में आ गयी ।
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