दिलेर समाचार, नई-नई प्रौद्योगिकी से आने वाले समय में कार्यबल पर असर पड़ेगा। ऐसा देखा जा रहा है कि कार्यस्थल पर लायी जा उभरती प्रौद्योगिकी के मामले में वैश्विक कार्यबल बदलाव के मौजूदा दर के साथ तालमेल नहीं बैठा रहे और करीब दो अरब युवाओं पीछे छूट जाने का खतरा है। दुनिया भर में करीब 1.8 अरब युवा 15 से 29 साल के बीच है और चौथी औद्योगिक क्रांति से भविष्य के कार्यबल, उपभोक्ता और प्रतिस्पर्धी के रूप में उनकी भूमिका आकार लेगी। रिपोर्ट के अनुसार चौथी औद्योगिक क्रांति तेजी से उभरती प्रौद्योगिकी ला रही है। यह उन कार्य और उसके करने के तरीके में रूपांतरण ला रहा है जो लोग कर रहे हैं। इस पूरे बदलाव से 1.8 अरब युवाओं के पीछे रह जाने का जोखिम है।डेलायट ग्लोबल के चेयरमैन डेविड क्रुकसैंक ने कहा, ‘‘जब बात चौथी औद्योगिक क्रांति के अवसरों और चुनौतियों के समाधान की आती है, मेरा मानना है कि हमें कार्य के लिये ऐसी मन:स्थिति की जरूरत है जिससे यह सुनिश्चित हो कि हम भविष्य के कार्यबल के लिये तैयारी कर रहे हैं।’’डेलायट ग्लोबल और ग्लोबल बिजनेस कोलिशन फार एजुकेशन (जीबीसी-एजुकेशन) का अनुमान है कि 2030 तक दुनिया भर में करीब दो अरब युवाओं में से आधे से अधिक में कार्य के लिये जरूरी कौशल या पात्रता का अभाव होगा। रिपोर्ट में इससे निपटने के लिये ठोस प्रतिभा रणनीति के विकास के साथ कार्यबल को कुशल बनाने में निवेश करने की जरूरत है। साथ ही कंपनियों को हिस्सेदारों के मकसद और रुख को ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए तथा उन्हें सार्वजनिक नीति से जुड़ना चाहिए।इसमें कहा गया है कि कंपनियों को आज के युवा को तैयार करने में आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए ताकि वे कल के काम के लिये जरूरी कार्यबल में शामिल होने को तैयार हो।
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