दिलेर समाचार, नागपुर : भारतीय टीम में चयन की उम्मीद कभी नहीं छोड़ने वाले तेज गेंदबाज सिद्धार्थ कौल को रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान मैदानी अंपायरों ने भारतीय वनडे टीम में पहली बार चुने जाने की खबर दी. पंजाब की टीम अमृतसर में सेना के खिलाफ फील्डिंग कर रही थी. जब मैच रेफरी सुनील चतुर्वेदी ने अंपायर विनीत कुलकर्णी और के श्रीनाथ के जरिये कौल के लिए संदेश भेजा
कौल ने बताया, उस समय ड्रिंक्स ब्रेक था. एक अंपायर मेरे पास आए और कहा कि मैच रेफरी सर (चतुर्वेदी) ने सूचना दी है कि मुझे भारत की वनडे टीम में चुना गया है. मुझे उस समय समझ नहीं आया कि कैसी प्रतिक्रिया दूं.
यह मेरे क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी खबर थी और मुझे यह मैदान पर मिली. इस 27 वर्षीय गेंदबाज ने 2008 में अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में कुआलालंपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पारी का अंतिम ओवर फेंककर विराट कोहली की कप्तानी में खेल रहे भारत को खिताबी जीत दिलाई थी.
कोहली इसके बाद से भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार हुए, जबकि उस टीम में शामिल रवींद्र जडेजा राष्ट्रीय टीम का नियमित हिस्सा हैं. इसके अलावा सौरभ तिवारी और अभिनव मुकुंद ने भी सीनियर स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. कौल ने हालांकि इस दौरान पंजाब, उत्तर क्षेत्र, भारत-ए और सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से नियमित रूप से खेलते हुए उम्मीद नहीं छोड़ी.
उन्होंने इस दौरान 50 प्रथम श्रेणी मैचों में 175 विकेट चटकाए, जबकि 52 लिस्ट ए मैचों में भी 98 विकेट हासिल किए.
कौल ने कहा, 'मुझे हमेशा उम्मीद थी कि अगर मैं अच्छा प्रदर्शन जारी रखूंगा तो मुझे मौके मिलेंगे. हां, अंडर-19 विश्व कप जीतना शानदार अहसास था, लेकिन इतने वर्षों में मुझे पता चला कि घरेलू स्तर पर अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिलेगा.
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